22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ऐसे है सांवलिया सेठ, यहां नोट गिनते-गिनते हाथ थक जाते है

Sanwalia Seth is like this, counting notes here hands get tired सांवलिया सेठ के दरबार में राजस्थान ही नहीं अपितु देश एवं विदेश से रोजाना बड़ी संख्या में भक्त आते है। सोने व चांदी के आभूषणों के साथ ही वह भण्डार में नोटों की बारिश कर जाते है। यहां का भण्डार खुलता है तो कई चरणों में नोटों की गणना होती है। अंतिम गणना मशीन के जरिए की जाती है।

2 min read
Google source verification
ऐसे है सांवलिया सेठ, यहां नोट गिनते-गिनते हाथ थक जाते है

ऐसे है सांवलिया सेठ, यहां नोट गिनते-गिनते हाथ थक जाते है,ऐसे है सांवलिया सेठ, यहां नोट गिनते-गिनते हाथ थक जाते है,ऐसे है सांवलिया सेठ, यहां नोट गिनते-गिनते हाथ थक जाते है

देने वाला सांवलिया सेठ और लेने वाला सांवलिया सेठ, सांवलिया सेठ तेरी कृपा है अपरम्पार । यह मान्यता है या फिर विश्वास। इसी के चलते राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मंडफिया में सांवलिया सेठ के दरबार में प्रदेश ही नहीं अपितु देश एवं विदेश से रोजाना बड़ी संख्या में भक्त आते है। इनमें से किसी की मन्नत पूरी होती है तो वह दिल खोल कर दान भी देते है।

यहां सोने व चांदी के आभूषणों के साथ ही वह भण्डार में नोटों की बारिश कर जाते है। यहां का भण्डार खुलता है तो कई चरणों में नोटों की गणना होती है। अंतिम गणना मशीन के जरिए की जाती है। एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां साल में भंडार करीब दस बार खुलता है। इस दौरान सौ करोड़ से अधिक की नगदी व लाखों के ही जेवर मिलते है। इतना ही नहीं ऑनलाइन भी पैसा बरसता है।


गत वर्ष बजट के आंकड़ों के अनुसार सांवलिया जी मंदिर का वार्षिक बजट करीब173 करोड़ रुपए है। इसमेंं भंडार से प्राप्त आय 86 करोड़ रुपए से अधिक है। सांवलिया जी मंदिर का जेठ माह चतुर्दशी के अवसर पर खोले गए भंडार से प्रथम गणना में 5 करोड 98 लाख 34 हजार रुपए की राशि निकली है। नोटों की गणना के अवसर पर मंदिर मंडल के सीईओ अभिषेक गोयल,तहसीलदार गुणवंत लाल माली, मंदिर मंडल अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, अशोक कुमार शर्मा, ममतेश शर्मा, संजय मंडोवरा, भेरूलाल सोनी व प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर आदि मौजूद थे।

इधर, भादसोड़ा कस्बा स्थित सांवलिया जी मंदिर के भंडार से 97 हजार रुपए की राशि ऑनलाइन 3600 रुपए प्राप्त हुए है। प्राकट्य स्थल मंदिर में 32 लाख 85 हजार 375 भंडार से नगद, ऑनलाइन 7 लाख 84 हजार 903 रुपए व कुल 40लाख 76 हजार 528 प्राप्त हुए हैं। अनगढ़ बावजी के चतुर्दशी के अवसर पर खोले गए भंडार से 3 लाख 57 हजार 503 की राशि निकली है।