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शर्मनाक! एसडीएम ने मांगी एक लाख की घूस, तो एएसआई ने लडक़ी को घर से भगाने के मामले में कार्रवाई नहीं करने की एवज में मांगी रिश्वत

एसडीएम व एएसआई नेे मांगी घूस तो एसीबी ने शुरू की जांच

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SDM and ASI filed seeking bribes ACB in bhilwara

SDM and ASI filed seeking bribes ACB in bhilwara

भीलवाड़ा।

आरएएस अधिकारी और रायपुर की तत्कालीन उपखंड अधिकारी अंजना सहरावत के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष शाखा ने ग्रेनाइट से भरे ओवरलोड ट्रक को छोडऩे की एवज में एक लाख रुपए की घूस मांगने और उसमें से बीस हजार रुपए लेने का मामला दर्ज किया है।


ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता ने बताया कि एसडीएम अंजना सहरावत के खिलाफ राजाजी का करेड़ा निवासी अनिल कुमार मेहता ने गत वर्ष २० दिसम्बर को ब्यूरो में शिकायत की थी। इसमें बताया गया था कि एसडीएम ने रात को ग्रेनाइट पत्थर ले जाते समय रायपुर में उसके ट्रक को रोक लिया। ओवरलोड होने की बात कहते हुए एसडीएम ट्रक को कार्यालय ले आई। यहां एसडीएम ने चालक बंशीलाल को धमकाया और उसके मालिक को सुबह लेकर आने तथा कानूनी कार्रवाई नहीं करने की एवज में एक लाख रुपए देने की बात कही।

इस पर परिवादी मेहता ने अगले दिन एसडीएम के खिलाफ एसीबी में शिकायत की। दूसरे दिन एसडीएम ने परिवादी से बीस हजार रुपए ले लिए और शेष राशि बाद में लेने की बात कही। इसके बाद अगले दिन आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची में एसडीएम का तबादला हो गया। इसलिए वह शेष राशि नहीं ले सकी। एसीबी टीम ने शिकायत का सत्यापन कराया तो वह प्रारम्भिक जांच में सही पाई गई। इसी आधार पर एसीबी ने शुक्रवार को तत्कालीन उपखंड अधिकारी सहरावत के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया। उन्होंने बताया कि प्रकरण की जांच निरीक्षक शिवप्रकाश को सौंपी गई।


गिरफ्तारी के बाद थाने में नहीं पीटने की एवज में एएसआई ने मांग ली घूस

आबकारी एक्ट में गिरफ्तार आरोपित का पुलिस रिमांड नहीं लेने और ना ही थाने में उसके साथ मारपीट करने की एवज में घूस मांगने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष शाखा ने एक सहायक उपनिरीक्षक के खिलाफ खिलाफ मामला दर्ज किया है। दिलचस्प बात ये है कि आरोपित सहायक उपनिरीक्षक की तैनाती घटना के समय चित्तौडग़ढ़ के पारसोली थाने में थी और उसने आबकारी एक्ट में गिरफ्तारी राजसमंद जिले में की, जबकि समूचे मामले की शिकायत भीलवाड़ा की एसीबी टीम को की गई।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) राजेश गुप्ता ने बताया कि राजसमंद के लेसानी निवासी राजेन्द्र सिंह ने सात जनवरी २०१८ को चित्तौडग़ढ़ के पारसोली थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी श्याम सिंह व तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक बलवंत सिंह के खिलाफ भीलवाड़ा एसीबी को शिकायत की। परिवादी का कहना था कि उसके भाई अजीतसिंह को राजसमंद के देवगढ़ कोर्ट के बाहर से थाना पारसोली के सहायक उपनिरीक्षक बलवंतसिंह ने ६ जनवरी २०१८ को आबकारी एक्ट के एक प्रकरण में गिरफ्तार किया था।

परिवादी की शिकायत थी कि सिंह ने बाद में थाना प्रभारी का हवाला देते हुए उसके भाई का पुलिस रिमांड नहीं लेने और ना ही थाने में उसके साथ मारपीट करने की एवज में २५ हजार रुपए मांगे। उक्त पुलिस कर्मी ने बाद में उससे १० हजार रुपए वसूल लिए। शेष १५ हजार रुपए की राशि लेने के लिए बाद में उसे बुलाया गया, यहां परिवादी ने बताया कि अभी उसके पास १२ हजार रुपए है और शेष राशि वह कहीं से मंगवा कर देता है। इस पर वह मोबाइल पर अपने साथी के साथ बात करने लगा। इस पर पुलिस कर्मी को संदेह हुआ कि कही ये एसीबी टीम को तो नहीं बुला रहा है, इसी अंदेशे के चलते पुलिस कर्मी ने बारह हजार रुपए की राशि भी नहीं ली।

गुप्ता ने बताया कि परिवादी की शिकायत का सत्यापन कराया, इस दौरान थाना प्रभारी ने किसी भी प्रकार से इस मामले में शामिल होने या जानकारी होने से इनकार किया, जबकि सहायक उपनिरीक्षक के रुपए मांगने की शिकायत की पुष्टि हुई। एसीबी ने प्रारम्भिक जांच व सत्यापन के आधार पर सहायक उपनिरीक्षक बलवंत सिंह के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया। इस प्रकरण की जांच अजमेर एसीबी के निरीक्षक महिपाल सिंह के जिम्मे की गई है।