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क्रशर व चुनाई पत्थर खदानों पर सन्नाटा, हड़ताल से निर्माण कार्य ठप

भीलवाड़ा में सभी क्रशर प्लांट और पत्थर खदानें बंद, हजारों मजदूर हुए बेरोजगार जल्द समाधान नहीं हुआ तो जिला मुख्यालय पर होगा आंदोलन

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Silence at crusher and stone mines, construction work halted due to strike

Silence at crusher and stone mines, construction work halted due to strike

राजस्थान स्टोन क्रशर एवं चुनाई पत्थर एसोसिएशन के आह्वान पर जारी हड़ताल का असर भीलवाड़ा जिले में गहराता जा रहा है। जिले के सभी क्रशर प्लांट और चुनाई पत्थर की खदानें पूरी तरह बंद हैं। इससे पत्थर और गिट्टी की लोडिंग का कार्य भी ठप हो गया है। हड़ताल के कारण जिले में चल रहे तमाम छोटे-बड़े निर्माण कार्य रुकने लगे हैं। इससे आम नागरिकों से लेकर ठेकेदार और कारोबारी तक परेशान हैं। दूसरी ओर कई खनिज उद्यमी संगठन अभी भी हड़ताल में शामिल नहीं हुए है। इनमें क्वार्टज फेल्सपार, माइका की खदानों पर अभी काम चल रहा है। इससे सरकार पर भी कोई ज्यादा दबाव नहीं पड़ रहा है। हालांकि अधिकांश खदानों में बरसात का पानी भरा होने से भी काम-काज ठप पड़ा है। वही बिजौलियां खनन क्षेत्र में भी काम-काज पूरी तरह से ठप पड़ा है।

लोगों को समझाया जा रहा

भीलवाड़ा क्रशर एवं चुनाई पत्थर संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार सोनी ने बताया कि हड़ताल के चलते लगातार लोगों के फोन आ रहे हैं, जो अपने क्षेत्रों में निर्माण कार्य रुक जाने से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी से उद्योग पर संकट आ गया है। लाखों का नुकसान हो चुका है। हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।

आंदोलन को तेज करने की चेतावनी

सोनी ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं तो जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने सरकार से तत्काल वार्ता कर समाधान निकालने की अपील की है।

निर्माण कार्यों की रफ्तार थमी

हड़ताल के चलते जिले में भवन निर्माण, सड़क कार्य, पुल निर्माण सहित अनेक सरकारी व निजी प्रोजेक्ट ठप होने लगे है। इससे आम जनता भी प्रभावित हो रही है।

हड़ताल का असर- एक नजर में

  • -क्रशर और खदानें बंद
  • - गिट्टी-पत्थर की सप्लाई ठप
  • - निर्माण कार्य रुक गए
  • - हजारों मजदूर बेरोजगार
  • - त्योहारों में आर्थिक संकट