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केस-01
शाहपुरा क्षेत्र के एक शिक्षक का तर्क है कि माता-पिता बुजुर्ग है। तबीयत भी ठीक नहीं रहती। एक दिन भी नहीं छोड़ सकता। उनकी सेवा करनी है।
केस-02
गुलाबपुरा क्षेत्र के शिक्षक का तर्क है कि खुद हृदय रोगी हूं। इसी साल जनवरी में स्टंट डाला गया है। डॉक्टर ने आराम की सलाह दी है।
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तरीका आजमा रहे
ड्यूटी कटवाने को कई कर्मचारी निजी अस्पताल व डॉक्टरों से लंबी बीमारी व इलाज का पर्चा ला रहे हैं। कुछ ने रिश्तेदारी में शादी के कार्ड भी लगाए हैं।
इन अर्जियों पर भी विचार
नवंबर में खूब सावे हैं। मतदान 25 नवंबर होने से कई परिवार में शादी-मायरे का तर्क दे रहे हैं। ऐसी अर्जियों पर प्रशासन विचार कर रहा है।
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ड्यूटी कटवाने के लिए दे रहे तर्क
-हार्ट पेशेंट हूं। अभी स्टंट लगा है।
-किडनी खराब है।
-परिवार में किसी का निधन हो गया।
-मेरे परिजन को कैंसर है।
-सास-ससुर बुजुर्ग हैं। उनको दवा देने व सेवा करने वाला कोई नहीं है।
-पत्नी गर्भवती हैं। बच्चों को स्कूल भेजने व घर का सारा काम मुझे करना होता है।
-माता-पिता घर में अकेले हैं। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।
-किसी भी तरह का तनाव लेने से डॉक्टर ने मना किया है। -बच्चे छोटे हैं, पत्नी अकेली नहीं संभाल सकती।
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पीएमओ को भेजे 52 आवेदन
चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें 52 की जांच पीएमओ से कराई जा रही है।
मोहनलाल खटवानिया, सीईओ जिला परिषद