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फैसला: बेटे को जिंदा जलाया, पिता को उम्रकैद, 25 हजार जुर्माने के आदेश

अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या तीन ने साढ़े चार साल पहले बेटे को जिंदा जलाने के मामले में आदर्शनगर लेसवा निवासी पिता रामदेव बलाई को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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Son burnt alive, father imprisoned in bhilwara

Son burnt alive, father imprisoned in bhilwara

भीलवाड़ा।

अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या तीन ने साढ़े चार साल पहले बेटे को जिंदा जलाने के मामले में आदर्शनगर लेसवा निवासी पिता रामदेव बलाई को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं 25 हजार रुपए जुर्माने के आदेश दिए।

प्रकरण के अनुसार 16 मार्च 2015 को लेसवा के कन्हैयालाल बलाई ने बागोर थाने में मामला दर्ज कराय कि उसके मकान के सामने काका का पुत्र रामदेव बलाई रहता है। वह मां और नौ साल के पुत्र राहुल के साथ रहता था। १६ मार्च को रामदेव के मकान से धुंआ देखा। कन्हैयालाल और उसके परिजनोंं ने दरवाजा खटखटाया। नहीं खोलने पर धक्का देकर गेट खोला तो रामदेव कमरे के बीच में बैठा था और कमरे में राख का ढेर लगा था। ढेर को कुरेदा तो हड्डियां व मांस जलता मिला। रामदेव ने अपने ही बेटे को जलाकर मार दिया। रामदेव की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। बागोर पुलिस ने हत्या के आरोप में रामदेव को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। अपर लोक अभियोजक गोपाललाल गाडरी ने १५ गवाह और २१ दस्तावेज पेश कर आरोप सिद्ध किया।