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विकास की अंधी दौड़ में पृथ्वी संकट में, नहीं चेते तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

- राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर मिशन लाइफ संगोष्ठी का आयोजन - पर्यावरण संरक्षण को बताया सच्ची पूजा

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In the blind race for development, the Earth is in danger.

In the blind race for development, the Earth is in danger.

विकास की अंधी दौड़ में मानव ने पृथ्वी को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। यदि समय रहते नहीं चेते तो इसके भयावह परिणाम भुगतने पड़ेंगे। यह विचार पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने गुरुवार को राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री भवन में आयोजित मिशन लाइफ संगोष्ठी में व्यक्त किए।

भांभू ने कहा कि वे प्रतिदिन सुबह उठकर सबसे पहले धरती को प्रणाम करते हैं। उन्होंने भगवान शब्द की व्याख्या करते हुए बताया कि भूमि, गगन, वायु, अग्नि और नीर इन पांच महाभूतों से ही संपूर्ण ब्रह्मांड बना है। इनका संरक्षण ही भगवान की सच्ची पूजा है, इसलिए कहा जाता है कि कण-कण में भगवान है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए नई योजनाएं

संगोष्ठी में विधायक अशोक कोठारी ने राज्य सरकार की ओर से विगत दो वर्षों में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि आगामी तीन वर्षों में भी सरकार पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के लिए नई योजनाएं लाएंगे।

पर्यावरणविद एवं शिक्षाविद डॉ. अनिल मेहता ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के उपाय बताए। उन्होंने उद्यमियों से पर्यावरण अनुकूल तकनीक अपनाने का आह्वान करते हुए ‘श्री अन्न’ की तर्ज पर ‘श्रीवस्त्र’ के निर्माण की पहल करने को कहा।

प्लास्टिक के विकल्प विकसित करने होंगे

समाजसेवी डॉ. श्रद्धा गट्टानी ने मिशन लाइफ की अवधारणा को जीवन में अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि प्लास्टिक समाप्त करने के लिए पहले उसके विकल्प विकसित करने होंगे। साथ ही लोगों को प्रोत्साहन भी देना होगा।

कार्यक्रम में उपवन संरक्षक मरिया शाइन ए, आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के.के. मीणा, रीको के उपमहाप्रबंधक संजय नेनावटी, आरपीसीबी के अधीक्षण वैज्ञानिक अधिकारी महेश कुमार सिंह, चैंबर अध्यक्ष आरसी लोढ़ा, महासचिव आरके जैन, राजेन्द्र गौड़ सहित बड़ी संख्या में अधिकारी एवं उद्यमी उपस्थित रहे। इससे पहले 50 शिक्षकों और व्याख्याताओं को कंचन इंडिया लिमिटेड के पेट बोतल रीसाइक्लिंग से फाइबर बनाने वाले प्लांट और एसटीपी प्लांट का शैक्षणिक भ्रमण भी कराया गया।