scriptब्याज बना मौत का फंदा,  अब क‍ितनी जाने लेेगा यह धंंधा, एक बार जो ब्याज की चकरी में फंसा फिर उसका बाहर निकलना मुश्किल | the net of moneylenders spread in bhilwara | Patrika News

ब्याज बना मौत का फंदा,  अब क‍ितनी जाने लेेगा यह धंंधा, एक बार जो ब्याज की चकरी में फंसा फिर उसका बाहर निकलना मुश्किल

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 25, 2018 12:20:06 pm

Submitted by:

tej narayan

सौ रुपए कर्ज और उस पर बीस से तीस रुपए महीने का ब्याज, यानि डेढ़ साल में रकम दोगुनी

the net of moneylenders spread in bhilwara

the net of moneylenders spread in bhilwara

भीलवाड़ा।

सौ रुपए कर्ज और उस पर बीस से तीस रुपए महीने का ब्याज, यानि डेढ़ साल में रकम दोगुनी। सूदखोरों ने इस धंधे को कमाई का जरिया बना लिया। एक बार जो ब्याज की चकरी में फंसा फिर उसका बाहर निकलना मुश्किल है। हालात आत्महत्या तक पहुंच जाते है। वस्त्रनगरी पूरी तरह सूदखोरों के शिकंजे में फंसती जा रही है। गरीब तबका प्रभावित हो रहा। पुलिस व प्रशासन के आंखें मूंदे बैठने से ब्याजखोरों के चुंगल में फंसे लोगों को बचाने वाला कोई नहीं दिखता। सूदखोरों के लिए समाजकंटक वसूली तक कर रहे है।

हजारों शिकंजे में
शहर में हजारो लोग सूदखोरों के जाल में फंसे हुए है। ज्यादातर नौकरीपेशा लोग सूदखोरी के शिकार है। क्योंकि इनसे पैसे वसूलने की गारंटी होती है। आर्थिक मजबूरी, जुए और शराब के आदि लोग सूदखोरी के दलदल में फंसते है। गरीब बस्तियों में रहने वाले पेट की आग शांत करने के लिए भी कर्ज लेने को मजबूर होते है।

ऐसे फंसते है जाल में
आर्थिक परेशानी तथा जुए और नशे के आदि त्रस्त लोग पहले घरचलाने के लिए सूदखोरों की शरण में जाते है। कई लोग सूदखोरों का कर्ज चुकाने के लिए दूसरे सूदखोरों से भी कर्ज ले लेते है। सूदखोरी के शिकार ज्यादातर लोग ऐसे है , जो पहले से बैंक और वैधानिक संस्थाओं से कर्ज ले चुके होते है। एक बार सूदखोरों के दलदल में फंसने के बाद व्यक्ति जीवनभर इससे बाहर नहीं निकल पाता।

कोरे स्टाम्प पर साइन
सूदखोर कर्ज लेने वाले व्यक्ति को कानूनी दांवपेच में इस कदर उलाझते है कि वो व्यक्ति चाह कर भी अदालत या पुलिस की कानूनी शरण नहीं ले पाता। मजबूरी में पैसा उधार लेने वाला व्यक्ति कोरे स्टाम्प पर हस्ताक्षर करने होते है। कोरे स्टाम्प और खाली चैक देने पर सूदखोर कर्जदार को ब्लैकमेल करते रहते है।

तिल-तिल मरता व्यक्ति
सूदखोरों कर्ज वसूली के लिए सुबह -शाम घर के चक्कर काटते है। उनसे बचने के लिए व्यक्ति घर जाने से बचता है। कई
लोग रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड में
रात काटते है। नौकरी से गायब रहने पर वेतन से कटौती होती है। कई शहर तक छोड़ जाते है। उनके परिजनों को धमकाया जाता है।

वर्ष-2009में तिलकनगर के एक युवक की दो जनों ने हत्या कर दी। कारण महज यह था कि मृतक 20-30 प्रतिशत तक ब्याज वसूल रहा था। बार-बार तकाजे से आरोपी परेशान हो गए। उन्होंने उसे मौत के घाट उतार दिया। सुभाषनगर पुलिस ने दोनों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया।

17 फरवरी 2018 को पंचवटी में रहने वाले कपड़ा व्यापारी अशोक कृपलानी ने सूदखोरों से परेशान होकर आजाद चौक में कॉम्प्लेक्स की चौथी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। आत्महत्या से पूर्व उसने वीडियो बनाया जिसमें सूदखोरों के आतंक को जगजाहिर किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो