एक साल से नहीं मिले मुफ्त के सेनेटरी नैपकिन
स्वच्छता का संदेश देने व महावारी के समय किसी बीमारी से बचाने के लिए राज्य सरकार ने उड़ान योजना शुरू की लेकिन योजना रफ्तार पकड़ने से पहले ही धराशायी हो गई। महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उड़ान योजना की शुरुआत कर महिलाओं व बालिकाओं को मुफ्त में सेनेटरी नैपकिन देने की योजना बनाई थी। लेकिन पिछले एक साल से नैपकिन नहीं आने से महिलाओं व बालिकाओं को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इस कारण महिलाओं व बालिकाओं को महंगे भाव में नैपकिन बाजार से खरीदना पड़ रहा है। साथ ही इनकी संख्या भी कम होती जा रही है।
महिला एवं बाल विकास विभाग व एएनएम के माध्यम से मुफ्त में महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन का वितरण किया जाता है। राज्य भर में अधिकांश स्थानों पर जून 2024 के बाद सेनेटरी पैड नैपकिन की सप्लाई तक नहीं हुई है। इसके चलते महिलाओं व बालिकाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि विभाग की ओर से टेंडर प्रक्रिया के अधीन होना बताया जा रहा है। सवाल यह है कि आखिर एक साल में टेंडर क्यों नहीं हो पाया है।
एक साल बाद भी नहीं पहुंची केंद्रों पर नैपकिन
उड़ान योजना के तहत बाल विकास परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र पर 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं को सेनेटरी पैड का वितरण प्रति महीने किया जाता है। लेकिन एक साल से इनका वितरण नहीं होने पर महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
2021 में उड़ान योजना की थी शुरू
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने दिसंबर 2021 में उड़ान योजना शुरू की थी। आंगनबाड़ी केंद्र पर नियमित रूप से प्रति महीने इनका वितरण होता था, लेकिन एक साल होने के बावजूद भी महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं हैं।
बाहर से खरीदते हैं
आंगनबाड़ी केंद्र व विद्यालय में निशुल्क सेनेटरी नैपकिन योजना महिलाओं और बालिकाओं के लिए फायदेमंद थी पिछले एक साल से सप्लाई नहीं होने से महिलाएं मजबूरी में मेडिकल शॉप से खरीदने को मजबूर हैं। सरकार को इसका नियमित वितरण करना चाहिए।
- आशा कुमावत
सेनेटरी नैपकिन की सप्लाई नहीं हो रही है। सप्लाई आने के बाद ही वितरण होगा। यह राज्य स्तर का मामला है।
राजकुमारी खोरवाल उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग
भीलवाड़ा की स्थिति
वर्ष 2023-24 मिले सेनेटरी नैपकिन
हर तीन माह राजस्थान भीलवाड़ा
वर्ष 2024-25 मिले सेनेटरी नैपकिन
हर तीन माह राजस्थान भीलवाड़ा
प्रथम तिमाही 95.58 लाख 2.39 लाख