भीलवाड़ा. श्राद्ध पक्ष का समापन 25 सितंबर को होगा। इस दिन को बड़े श्राद्ध के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन भूले बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध निकाला जाता है।
भीलवाड़ा. श्राद्ध पक्ष का समापन 25 सितंबर को होगा। इस दिन को बड़े श्राद्ध के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन भूले बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध निकाला जाता है। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि अमावस्या की शुरुआत 25 सितंबर को सुबह 3.12 बजे होगी और इसका समापन 26 सितंबर को सुबह 3 .23 बजे होगा। यह तिथि 24 घंटे की होगी । इस दिन नदी व सरोवरों में विधिवत पितरों का तर्पण किया जाता है।
ऐसे में बीगोद के त्रिवेणी संगम पर विशेष भीड़ रहेगी। पितरों का श्राद्ध करने के लिए डाब का प्रयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए। व्यास ने बताया कि हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों का तर्पण या श्राद्ध करने के लिए अमावस्या तिथि को खास माना जाता है। वहीं पितृ पक्ष के दौरान आश्विन मास की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं।
माना जाता है कि जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु की सही तिथि पता न हो, ज्ञात अज्ञात पितृ वे सर्वपितृ अमावस्या के दिन उन पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं। अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए उन्हें तर्पण देते हुए अपने पूर्वजों के मनपसंद पकवान बनाए जाते हैं। फिर उस भोजन को अपने पितरों का स्मरण करते हुए गाय, कुत्ते या कौए को निमित्त दिया जाता है। साथ ही इस दिन ब्राह्मणों को घर में बना हुआ भोजन करवाकर उन्हें दक्षिणा आदि देने का विधान है। इससे पितरों से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
श्राद्ध पक्ष में पितरों के निमित ब्राह्मण को भोजन करवाने के लिए इन दिनों बाज़ार में रेडीमेड भोजन की थाली तैयार मिल रही है। सांगानेर रोड स्थित प्रेम मिष्ठान भण्डार के संचालक ने बताया की इस थाली में खीर, मालपुए, सब्जी, पूरी, दाल ,इमरती सहित अन्य पकवान परोसे जा रहे है। भागदौड़ की जिंदगी में समय अभाव के चलते घर में इतने सारे व्यंजन कम समय में बनाना मुश्किल होने से रेडीमेड भोजन की थाली की काफी मांग है और एडवांस बुकिंग हो रही है तरह-तरह के व्यंजन से सजी ये थाली ब्राह्मण को पसंद आ रही है।