- न्यायालय के आदेश की माफिया नहीं करते पालना - भीलवाड़ा से बजरी निकालकर चित्तौडगढ़ में किया जा रहा स्टॉक
मानसून के दस्तक देने के साथ नदियों से बजरी निकालने पर 1 जुलाई से रोक रहेगी। दो माह तक नदियों से बजरी नहीं निकाली जा सकेगी। इससे अवैध बजरी खनन पर अंकुश लगेगा। मानसून के दौरान नदियों का जलस्तर बढ़ने और पानी का बहाव तेज होने के साथ अवैध खनन को रोकने के लिए रोक लगाई जाती है। रोक से पहले हमीरगढ़, भैसाकुंडल, जवासिया, सायला क्षेत्र से गुजर रही बनास नदी से धड़ल्ले से बजरी का अवैध दोहन हुआ। यहां से बजरी निकालकर चित्तौड़गढ़ की सीमा ले जाकर स्टॉक किया गया। हालांकि क्षेत्र में बजरी खनन के लिए खनन विभाग की ओर से कोई लीज जारी नहीं हुई है। उसके बाद भी यहां से बजरी निकालकर अवैध स्टॉक किया जा रहा। इन क्षेत्रों से रोजाना 80 से 100 डंपर बजरी निकाली जा रही है।
जिले में है तीन लीज
खनिज विभाग के अनुसार जिले में अभी तीन लीज संचालित है। इनमें रायपुर, आसींद तथा बिजयनगर शामिल है। यह तीनों लीज बनास नदी में नहीं हैं। इसके बावजूद शहर में चल रहे विकास कार्यो के लिए बजरी आ रही। इन तीनों लीजधारक भी अपनी बजरी को नदी से निकालने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनरी लगा रखी है ताकि बारिश के दौरान वह अपने टीपी पाइंट से बजरी का परिवहन कर सके।
टीपी पॉइंट से ही बजरी ले जाने की अनुमति
खनन विभाग के अधिकारियों की माने तो जुलाई व अगस्त माह में मानसून सत्र के चलते लीजधारक को बजरी खनन नही करने के आदेश दिए हैं। लीज धारक अपने टीपी पॉइंट जहां बजरी स्टॉक कर रखी है वहां से सप्लाई कर सकता है। लेकिन रायपुर, आसींद व बिजयनगर के अलावा बनास नदी क्षेत्र में जगह-जगह बजरी के स्टॉक पड़े हैं।