
The parameters for district ranking of government schools have been changed.
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों के आधार पर हर माह जारी होने वाली जिला रैंकिंग के पैरामीटर में बदलाव किया गया है। नई व्यवस्था दिसम्बर से लागू कर दी गई है। अब जिलों की रैंकिंग 12 निर्धारित मापदंडों के आधार पर तय की जाएगी, जिनके जरिए स्कूलों में शैक्षणिक माहौल और व्यवस्थागत स्थिति का आकलन किया जाएगा। नई जिला रैंकिंग प्रणाली में कुल 12 पैरामीटर रखे गए हैं। इनमें शिक्षा से जुड़े 8, गर्वनेंस से संबंधित 2 और राज्य की प्राथमिकताओं से जुड़े 2 मापदंड शामिल किए गए हैं।
शैक्षणिक गतिविधियों के तहत विद्यार्थियों की उपस्थिति, कक्षा आधारित मूल्यांकन (सीबीए) के परिणाम, ओआरएफ रिजल्ट, बोर्ड परीक्षा परिणाम, अभ्यास पुस्तिका और वर्कबुक का कार्य, एबीएल किट का उपयोग, गृह कार्य तथा मिशन स्टार्ट टाइम टेबल को शामिल किया गया है।
गर्वनेंस से जुड़े मापदंडों में निरीक्षण लक्ष्य की पूर्ति और शिक्षक ऐप के उपयोग के लिए अंक निर्धारित किए गए हैं। वहीं राज्य की प्राथमिकताओं के अंतर्गत शाला स्वास्थ्य, शौचालय और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता को आधार मानकर अंक दिए जाएंगे। इन्हीं अंकों के आधार पर जिले की रैंकिंग तय की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों, प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारियों, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों तथा सभी पीईईओ और यूसीईओ को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि दिसम्बर से लागू नए पैरामीटर के अनुसार शाला संबलन ऐप, शाला दर्पण पोर्टल और शिक्षक ऐप पर समस्त जानकारी नियमित रूप से अपडेट की जाए।
Published on:
19 Dec 2025 09:30 am
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