
धोखाधड़ी करके फर्जी बैंक खाता खोलकर रुपए उठा लेने के मामले में अभियुक्त को तीन साल के कारावास की सजा
भीलवाड़ा।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट संख्या एक ने धोखाधड़ी करके फर्जी बैंक खाता खोलकर 12 लाख 30हजार रुपए उठा लेने के मामले में हलेड़ हाल गांधीनगर निवासी पुषालाल को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई। वहीं दो हजार रुपए जुर्माने के आदेश दिए।
प्रकरण के अनुसार 11 फरवरी 2002 को जवाहरनगर निवासी जोरावरसिंह ने प्रतापनगर थाने में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया कि वह व्यवसाय के सिलसिले में महाराष्ट्र गए थे। पीछे से पुषालाल ने फर्जी दस्तावेजों से जोरावरसिंह के नाम का बैंक खाता खुलवा लिया।
पुषालाल चारभुजा शॉ मिल में कार्य करता था। चारभुजा शॉ मिल संचालक जोरावरसिंह का परिचित था। परिवादी जोरावरसिंह शॉल मिल संचालक को महाराष्ट्र से ड्राफ्ट भेजता था। यह ड्राफ्ट पुषालाल ने ले लिया। बैंक में लगाकर 12 लाख ३० हजार रुपए निकाल लिए। महाराष्ट्र से लौटने पर जोरावर ने बैंक खाते का हिसाब की जांच की तो धोखाधड़ी पकड़ में आई। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया था।
अधिवक्ता ने महिला समेत चार जनों पर लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप
भीलवाड़ा. अधिवक्ता ने महिला समेत चार जनों पर ब्लेकमेल कर धोखाधड़ी करने और जादू-टोना कर परेशान करने का आरोप लगाते हुए प्रतापनगर थाने में अदालत के दखल से मामला दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार चन्द्रशेखर आजादनगर निवासी अधिवक्ता सिद्धांत चारण ने रिपोर्ट दी। इसमें आरोप लगाया कि सुभाषनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला एक साल पूर्व जमीन विवाद में सलाह लेने के लिए उसके पास आई। उसके बाद महिला ने अधिवक्ता से फोन पर कई बार बात की। उसने माता-पिता के बीमारी होने और बुजुर्ग होने से सलाह के लिए घर बुलाया। मिलीभगत को समझ नहीं पाया और घर पहुंच गया। वहां उसे अपनापन दिखाया तो भावनात्मक में उसके उसके जाल में फंस गया। वह महिला के पिता के बीमार होने से उनको दिखाने के लिए उदयपुर भी गया। माता-पिता बस यहीं कहते थे कि उनके परिवार में तीन सदस्यों के होने से पुत्री को अकेले बाहर नहीं भेज सकते। करीब चार माह पूर्व महिला ने घर बुलाया और पकड़ कर कमरे में ले गई। वहां उसने शादी करने का प्रस्ताव रखा।
अधिवक्ता ने विवाह करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। वह घर से निकल गया। उसके बाद कुछ दिनों बाद महिला ने फोन किया और दुबारा से इस तरह की बात नहीं करने का आश्वासन दिया। बातों के जाल में उलझा कर अधिवक्ता को घर बुलाया और एक एफडी भी अधिवक्ता सिद्धांत चारण के नाम करवा दी। परिवादी ने मना किया तो भावनात्मक रूप से महिला ने ब्लैकमेल किया और एफडी रख लेने के लिए कहा। उसके बाद दुबारा से शादी करने का दबाव बनाया। बात नहीं मानने पर महिला ने आत्महत्या कर लेने की धमकी दी। उसके बाद लगातार उसे परेशान किया जा रहा है। महिला ने पूर्व में भी एक व्यक्ति को ब्लेकमेल किया था।
Published on:
12 Apr 2018 11:43 pm
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