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गोबर से बनेगी लकड़ी, हजारों पेड़ कटने से बचेंगे

भीलवाड़ा की चार गोशालाओं को मिलेगी मशीनें प्रदेश में 100 गोशालाओं को उपलब्ध होंगी गोकाष्ठ मशीनें

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Wood will be made from cow dung, thousands of trees will be saved from being cut

Wood will be made from cow dung, thousands of trees will be saved from being cut

अब पेड़ों की लकड़ी नहीं गोबर की लकड़ी जलाने के काम आएगी। इसके लिए सरकार गोशालाओं को गोकाष्ठ मशीनें रियायती दर पर दे रही है। योजना के तहत प्रदेश की सौ गोशालाओं का चयन किया गया है। इनमें भीलवाड़ा जिले की चार गोशालाएं भी शामिल हैं।

पशुपालन विभाग के अनुसार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश की 100 गोशालाओं को रियायती दरों पर गोकाष्ठ मशीनें उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी। जिन गोशालाओं में गोवंश 600 या 1000 से अधिक है, को बजट घोषणा की पालना में गोकाष्ठ मशीन उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

इन गोशालाओं को मिलेगी गोकाष्ठ मशीन

जिला गोशाला अधिकारी ने बताया कि गोकाष्ठ मशीन के लिए भीलवा़ड़ा जिले की शक्करगढ़ स्थित माधव गोशाला, सुरास की आनन्द कृष्ण गोशाला, निबाहेड़ाजाटान की जय जगदीश गोशाला तथा जहाजपुर की भूतेश्वर महादेव गोशाला शामिल हैं। चयनित गोशाला अपने हिस्से की कुल लागत की बीस प्रतिशत राशि पशुपालन विभाग को जमा करवाएंगी। तत्पश्चात लाभार्थी गोशाला को गोकाष्ठ मशीन चयनित फर्म की ओर से निर्धारित दर पर उपलब्ध करवाई जाएगी।

यह है नियम

  • कोई भी लाभार्थी गोशाला इस योजना के तहत प्राप्त गोकाष्ठ मशीन को 10 साल से पहले बेचान नहीं कर सकेगी ना ही इन्हें किसी अन्य को सुपुर्द कर सकेंगी।
  • लाभार्थी गोशाला को गोकाष्ठ के विपणन से होने वाली आय गोशाला की स्वयं की आय होगी जिसे गोशाला संचालक गोशाला के हितार्थ उपयोग में ले सकेंगे ।
  • गोकाष्ठ की अनुमानित विक्रय दर आठ रुपए प्रति किलोग्राम होगी। इस दर में आवश्यकतानुसार संशोधन जिला गोपालन समिति के स्तर से किया जा सकेगा।
  • गोकाष्ठ को मोक्ष धाम अंत्येष्टि स्थल, फैक्ट्री बॉयलर, रेस्टोरेंट, होटल-ढाबे, मंदिर-हवन इत्यादि जगह जहां भी इसका उपयोग ईंधन के रूप में संभव हो, का बेचान किया जा सकेगा।