यहां बता दें कि वर्ष 2018 में 98 नाबालिग गुम हुए जबकि वर्ष 2019 में 89 बालक-बालिका बहला फुसलाकर ले जाए गए। चिंतनीय विषय ये है कि अपहृत हुए ब”ाों में सर्वाधिक संख्या बालिकाओं की है। 129 बालिकाएं दो वर्ष में गुम हुईं जबकि 58 बालक गुम हैं। जानकारों की मानें तो जिले में मानव तस्करी से जुड़े गिरोह भी सक्रिय हैं।
केस 1 अटेर क्षेत्र के खेड़ा मोदना से 17 वर्षीय छात्रा को बहला फुसलाकर अगवा कर ले जाया गया और उसे 50 हजार रुपए में कमल गुर्जर, सीताराम महाजन व दिलीप गुर्जर निवासीगण आगर मालवा ने बेच दिया था। एक साल के बाद पुलिस ने उक्त बालिका को बरामद किया है, लेकिन इस बीच उसके साथ लगातार बलात्कार किया गया। ऐसे में वह गर्भवती तक हो गई।
केस 2 रौन थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव से 16 वर्षीय किशोरी जनवरी 2018 में बहला फुसलाकर अगवा की गई। छात्रा का अभी तक कोई सुराग नहीं है। माता-पिता ने उसके वापस मिलने की लगभग सभी उम्मीद छोड़ दी है।
केस तीन भिण्ड के देहात थाना अंतर्गत अंबेडकर नगर इलाके से बहला फुसलाकर अगवा की गई 15 वर्षीय छात्रा का भी अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। परिजन अपनी बेटी के मिलने की आश लेकर लगातार पुलिस थाने के चक्कर लगा रहे हैं।
केस चार गोहद क्षेत्र अंतर्गत 14 वर्षीय छात्रा को मई 2018 में स्कूल जाने के दौरान बहला फुसलाकर अगवा किया गया था। छात्रा को पुलिस डेढ़ साल बाद भी बरामद नहीं कर पाई है।
अनजान व्यक्ति से रहें सतर्क म हिला बाल विकास समिति अध्यक्ष शिवभान सिंह राठौर ने ब”ाों के इस तरह अपहृत होने एवं उनकी बरामदगी नहीं हो पाने पर चिंता जाहिर की है। साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वह अपने ब”ाों को अपरिचित व्यक्तियों से दूर रखें। ब”ो को बताएं कि यदि कोई अनजान व्यक्ति आपसे बात करता है तो उसके बारे में घर के सदस्यों को भी बताएं। कोई वस्तु देता है इस बारे में भी अवगत कराएं। उन्हें अहसास कराएं कि माता-पिता से बढक़र दुनिया में अन्य कोई व्यक्ति उनका खयाल नहीं रख सकता।
-अपनयन के प्रकरणों को ट्रेस करने के लिए हम थाना स्तर पर व्यवस्था तैयार करवा रहे हैं। प्रत्येक थाना प्रभारी से उसके प्रोग्रेस की अपडेट भी ली जाएगी। नागेंद्र सिंह, एसपी भिण्ड