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मां-भाई को 5000 रुपए महीना देने का वादा कर ले ली अनुकंपा नियुक्ति, नौकरी मिलने पर मुकर गया

24 मई 2015 को हुई थी भृत्य की मृत्यु, दूसरा भाई मां तथा बीवी-ब"ाों के भरण पोषण के लिए बेच रहा सब्जी

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भिंड

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Rajeev Goswami

Jun 10, 2020

मां-भाई को 5000 रुपए महीना देने का वादा कर ले ली अनुकंपा नियुक्ति, नौकरी मिलने पर मुकर गया

मां-भाई को 5000 रुपए महीना देने का वादा कर ले ली अनुकंपा नियुक्ति, नौकरी मिलने पर मुकर गया

भिण्ड. बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया। यह कहावत गोहद नगर के वार्ड क्रमांक 13 निवासी उस युवक पर चरितार्थ हो रही है जिसने पिता की मौत के बाद अपनी मां और भाई को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आजीवन पांच हजार रुपए महीना देने का वादा कर सहमति ले ली और नौकरी मिलने के बाद वादे से मुकर गया। अब मां उस बेटे के आसरे पर है जो गली-गली साइकिल पर सब्जी बेचकर पांच सदस्यीय परिवार का भरण पोषण कर रहा है।

44 वर्षीय हृदयराम कुशवाह के अनुसार सरकारी नौकरी में रहते उसके पिता छिद्दीलाल कुशवाह का 24 मई 2015 को निधन हो गया। भाई अशोक कुशवाह ने उससे और मां से लिखित रूप से यह वचन देकर सहमति ले ली थी कि अनुकंपा नियुक्ति के बाद वह 5000 रुपए महीने आजीवन हृदयराम कुशवाह के बैंक खाते में जमा कराएगा। वर्ष 2018 में अशोक सिंह कुशवाह को वाणि’यकर विभाग में भृत्य के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिल गई, तब से अब तक हृदयराम अपने भाई अशोक के पास हर महीने 5000 रुपए भरण पोषण के लिए मांग रहा है, लेकिन अशोक सिंह कुशवाह अपना करार निभाने के बजाए हृदयराम को जान से मार देने की धमकी दे रहा है।

शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी

हृदयराम के अनुसार भाई अशोक अपने वादे से मुकर जाने पर शिकायत करने की स्थिति में जान से मारने की धमकी दे रहा है। हृदयराम इंसाफ के लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कलेक्टर तथा एसपी से भी गुहार लगा रहा है। इन दिनों वह थोक विक्रेताओं से सब्जी खरीदकर गांव-गांव, गली-गली सब्जी की टोकरी को साइकिल पर रखकर फेरी लगाते हुए सब्जी बेचकर परिवार का लालन पालन कर रहा है।

-मामला हमारी जानकारी में नहीं है। इसकी शिकायत प्रत्यक्ष रूप से सामने आने पर देखेंगे, इसमें क्या कार्रवाई की जा सकती है।

- ओएन सिंह, एसडीएम भिण्ड