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पुल निर्माण में हो रही देरी, अनुमति मिलने के बाद मंथर गति से शुरू हुआ निर्माण कार्य

अटेर क्षेत्र को उत्तरप्रदेश की पर्यटन नगरी आगरा जिले की सीमा को जोडऩे में अहम माने जा रहे चम्बल नदी पर निर्माणाधीन बृहद पक्के पुल निर्माण हाइवे के किलो मीटर नम्बर 3.4 से 4.8 पर बन रहा है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने सेंट्रल रोड फंड से इसके लिए 85 करोड़ की राशि प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के सेतु डिवीजन को दी है, जिसका निर्माण कार्य फरवरी 2017 में शुरू हुआ था, जिसे पूर्ण करने की समयावधि 24 महीने तय की गई थी।

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भिंड

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Hussain Ali

May 07, 2020

पुल निर्माण में हो रही देरी, अनुमति मिलने के बाद मंथर गति से शुरू हुआ निर्माण कार्य

पुल निर्माण में हो रही देरी, अनुमति मिलने के बाद मंथर गति से शुरू हुआ निर्माण कार्य

कदौरा। जिले की सीमा में बहने वाली चम्बल नदी के अटेर-जैतपुर घाट पर निर्माणाधीन पक्के बृहद पुल के निर्माण कार्य पर कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में एक महीने से अधिक समय से बन्द कार्य पुन: शुरू करने की प्रशासन से अनुमति भले ही मिल गई। बावजूद इसके मंथर गति से चल रहे निर्माण कार्य को देखकर उन लोगों का इंतजार अवश्य बढ़ गया है, जो पुल के शीघ्र पूर्ण होने पर उससे गुजरने की मंशा पाले हुए थे।

अटेर क्षेत्र को उत्तरप्रदेश की पर्यटन नगरी आगरा जिले की सीमा को जोडऩे में अहम माने जा रहे चम्बल नदी पर निर्माणाधीन बृहद पक्के पुल निर्माण हाइवे के किलो मीटर नम्बर 3.4 से 4.8 पर बन रहा है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने सेंट्रल रोड फंड से इसके लिए 85 करोड़ की राशि प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के सेतु डिवीजन को दी है, जिसका निर्माण कार्य फरवरी 2017 में शुरू हुआ था, जिसे पूर्ण करने की समयावधि 24 महीने तय की गई थी।

इस पुल को बिहार की मैसर्स नारायण दास कन्स्ट्रक्शन कम्पनी बना रही है। जिसे पुल का निर्माण वर्ष 2019 तक करना था, किंतु निर्माण कम्पनी द्वारा निर्माणकार्य को मन्थर गति से करने के कारण सरकार द्वारा निर्धारित समयावधि से अधिक समय हो चुका है। उस पर मार्च महीने से फैली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से पुल तैयार करने की समयसीमा में करीब एक वर्ष की देरी और बढ़ा देने से वर्षो से पुल निर्माण की आस में बैठे लोगों का इंतजार और बढ़ गया है।

बिहार के मजदूरों के भरोसे निर्माण कम्पनी
चम्बल पर बन रहे पक्के पुल का मंथर गति से चल रहे निर्माण कार्य मे कम्पनी के लॉकडाउन में रुके बिहार के करीब 40 मजदूर कार्य कर रहे हैं, जबकि निर्माण कार्य को सुचारू रूप से करने के लिए और मजदूरों की आवश्यकता जरूरी है। सरकार ने अपने निर्देशों में भी स्पष्ट किया हुआ है कि कम्पनियां अपने यहां स्थानीय मजदूरों को अधिक से अधिक काम दे, किन्तु पुल निर्माण कम्पनी अभी जिस तरह से बिहार के मजदूरों से कार्य करा रही है, उससे लगता है कि निर्माण कम्पनी केवल बिहार के मजदूरों से कार्य कराने की मंशा में है।

करीब 15 दिन पूर्व निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति मिल गई थी। पुल निर्माण का कार्य चालू है। अभी जो बिहार के मजदूर रुके हुए थे, उनसे ही कार्य कराया जा रहा है। लॉकडाउन के कारण पुल निर्माण में करीब 6 महीने की समयावधि और बढ़ गई है। निर्माण कार्य को गति देने के लिए मजदूरों की सख्या और बढ़ायी जाएगी ।

- डीएस चौहान, एसडीओ सेतु डिवीजन