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विकास के दावे और वादे तो हर कोई करता है, लेकिन महंगाई का क्या?

मध्ययप्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दल अपने राजनीतिक हथियारों को धार देने में जुट गए हैं। राजनीति में अतिसंवेदनशील और उठापटक के केंद्र रहे भिण्ड जिले के मतदाताओं के मन में चुनावोंं को लेकर क्या खिचड़ी पक रही है, इसकी टोह लेने बाइक से भिण्ड और अटेर क्षेत्र के दौरे पर निकल पड़ा।

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भिण्ड और अटेर विधानसभा

भिण्ड का इंदिरागांधी चौराहा

पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस सिलेंडर, बदहाल सडक़ें, बेरोजगारी, महंगी उच्च शिक्षा को लेकर खुलकर बोले लोग

रवींद्र सिंह कुशवाह की रिपोर्ट

नेशनल 552 से होते हुए ऊमरी कस्बे में कनावर रोड पर पहुंचा तो एक समूह में छह लोग बैठे दिखे। उनके बीच बिना परिचय के बात छेड़ी कि सडक़ तो अच्छी बनी है तो अजमेरी खां तपाक से बोल पड़े, ग्राम पंचायत के अंदर की सडक़ें देख खुशी काफूर हो जाएगी। बलवीर बरेठा बोले मरघट पर बरसात में पहुंचना मुश्किल है।

क्वारी नदी के निर्माणाधीन पुल के बगल से कच्चे और दुर्गम मार्ग होकर हम अटेर विधानसभा क्षेत्र के भवनपुरा गांव पहुंचे तो सडक़ किनारे ताश खेल रहे लोगों के बीच हमने दबी जुबान में बात छेड़ी, चुनाव को लेकर क्षेत्र में क्या चल रहा है? इस पर ७० वर्षीय रामदत्त सिंह भदौरिया बौहरे बोले-आप कहो उसी को वोट दे देंगे। हमने कहा, सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानना चाहते हैं, तो फिर वे खुलकर बोले-सरकार लाड़ली बहना योजनाओ तो लाई है, लेकिन ई-केवायसी के नाम पर महिलाएं दिन भर भटक रही हैं और धक्के खा रही हैं। महंगाई की हालत यह है कि रसोई गैस सिलेंडर १२०० रुपए का हो गया। क्या चुनाव में यह सब बातें मुद्दा होंगी ? इस पर फिलहाल कोई खुलकर नहीं बोल रहा। इटावा रोड निवासी रामवीर सिंह यादव कहते हैं कि डीजल और पेट्रेाल पर महंगाई यहां मुद्दा है। पड़ोसी राज्य में ही १० रुपए तक का अंतर है। फूप में सुरपुरा रोड स्थित आटा चक्की पर सकराया के बच्चूलाल जाटव बोले-गांव का समुदायिक भवन तक तो ठीक नहीं है।
हम अटेर की ओर बढ़े तो सुरपुरा में बस स्टैंड के पास गांवों की स्थिति के बारे में पूछने पर मधैयपुरा के हरी सिंह बोले, पानी की टंकी कुछ दिन पहले ही बनी थी, टपकने लगी। शिकायत करो तो सुनवाई नहीं होती।
चार बीघा में जली फसल, मुआवजा चार हजार ही मिला
हमीरापुरा के सहदेव सिंह भदौरिया कहते हैं कि महंगाई बहुत है, लोग परेशान हैं। किसानों की उपज सस्ती है। प्रतापपुरा से परा-जवासा होकर अटेर रोड स्थित मुरलीपुरा पहुंचे तो युवा विजय कुमार बोले-तकनीकी व उच्च शिक्षा महंगी है, गरीब पढ़ाई कैसे कर पाएंगे। गढ़ूपुरा के किसान विकास यादव कहते हैं कि मंदिर के पुजारी को तो सरकार पांच हजार रुपए वेतन देना चाहती है, लेकिन हमारी चार बीघा फसल जलने पर मुआवाज चार हजार रुपए ही मिला। मुरलीपुरा मोड़ पर एक गुमठी चलाने वाली महिला से पूछा-लाड़ली बहना योजना से खुश हो? इस पर वह बोली-महिलाओं ने इसके लिए धक्के ही खाए हैं। भिण्ड शहर के पुरानी गल्ला मंडी परिसर में व्यापारी विजय जैन, योगेश शिवहरे एवं अजय कुमार जैन कहते हैं कि विकास के दावे हर कोई करता है, काम भी हुए हैं, पर महंगाई से हर क्षेत्र प्रभावित है। इटावा रोड पर रेडिमेड गारमेंट की दुकान पर बैठक प्रकाशचंद्र जैन ने कहा-सरकार को निगरानी तंत्र मजबूत करना चाहिए, लेकिन कमीशनखोरी के चलते यह काम कौन करेï ?

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