भिंड

MP Election 2023: चेहरे वही, मुद्दे भी पुराने… मतदाता का मौन, त्रिकोणीय संघर्ष में फंसा चुनाव

टिकट की चाहत में बदली पार्टी, फिर वहीं पहुंचे, चुनाव विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 10-भिण्ड रवींद्र सिंह कुशवाह

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Nov 13, 2023

हर बार विधायक बदल देने वाली विधानसभा भिण्ड से दल बदलकर परंपरागत प्रतिद्वंद्वी ही आमने-सामने हैं। पिछला चुनाव भाजपा से लड़े चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। भाजपा से चुनाव मैदान में उतरे नरेंद्र सिंह कुशवाह इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं। बसपा से चुनाव जीतकर टिकट की चाहत में भाजपा में आए संजीव सिंह कुशवाह टिकट कटने पर फिर बसपा में पहुंचकर चुनाव मैदान में हैं।

चौधरी राकेश सिंह अपने पिता चौधरी दिलीप सिंह की भाजपा की विरासत छोड़कर 1990 में कांग्रेस से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने और उसके बाद तीन बार और चुने गए। चौधरी राकेश सिंह के भाजपा में चले जाने के बाद कांग्रेस ने वर्ष 2013 एवं 2018 में नए चेहरे उतारे लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली। चौधरी 2018 का चुनाव भाजपा से हारने के बाद फिर कांग्रेस में लौटकर आए हैं। दिग्विजय सिंह सरकार में केबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा के प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाह भी वर्ष 1990 से निरंतर चुनाव लड़ रहे हैं। वे वर्ष 2003 और 2013 में विधायक रह चुके हैं। विधायक रहते हुए टिकट कटने पर वे दोनों बार बगावत कर सपा से चुनाव लड़ चुके हैं। वर्तमान विधायक और बसपा प्रत्याशी संजीव सिंह कुशवह, पहली बार विधानसभा का चुनाव 2013 में लड़े और दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन 2018 में विधायक बनकर भाजपा गए थे।

यह रही थी स्थिति

नामांकन पत्र भरने के साथ ही तीनों प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए। भाजपा और कांग्रेस ने यहां प्रत्याशी बदलकर प्रयोग किए, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। यही स्थिति कांग्रेस की रही। वर्ष 2013 में डॉ. राधेश्याम शर्मा और 2018 में डॉ. रमेश दुबे को चुनाव मैदान में कांग्रेस ने उतरा लेकिन हार गए। वहीं भाजपा ने वर्ष 2008 में चार बार के सांसद डॉ. रामलखन सिंह को टिकट दिया और वे चौथे नंबर पर चले गए। वहीं 2018 में चौधरी राकेश सिंह को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा, वे भी हार गए।

कांग्रेस जहां भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर हमलावर है वहीं सीधे जन संपर्क और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से जनता के बीच जा रही है। प्रत्याशी के साथ उनके बेटे भरत चौधरी भी देर रात तक मेहनत कर रहे हैं। सुबह आठ से नौ बजे के बीच जन संपर्क पर निकल जाते हैं। भाजपा के स्टार प्रचारक सभाएं कर रहे हैं, भाजपा प्रत्याशी के साथ उनकी पत्नी मिथिलेश कुशवाह व बेटे भी सहयोग कर रहे हैं। बसपा प्रत्याशी स्वयं तो देर रात तक जन संपर्क और नुक्कड़ सभाएं कर ही रहे हैं उनकी पत्नी शैलेष सिंह व पिता पूर्व सांसद डॉ. रामलखन सिंह भी जन संपर्क कर रहे हैं। सुबह आठ बजे से आधी रात के बाद तक जन संपर्क चल रहा है। सभी प्रत्याशी होर्डिंग्स, बैनर के साथ माइक लगे वाहनों से प्रचार करवा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रिय हैं।

क्या कहते हैं लोग

गल्ला मंडी में लगी चुनावी चौपाल में किसान परसोना गांव के बलवीर सिंह कहते हैं कि किसानों को सम्मान निधि तो आती है, लेकिन मंडी में व्यवस्था नहीं है। गांवों में गोवंश का नियंत्रण नहीं है। पुलावली के शिवनंदन सिंह कहते हैं कि नेता कोई भी रहे, किसी को गांवों की सुध नहीं हैं। युवा धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि एक निजी संस्थान में टैक्सी चलाकर पेट पाल रहे हैं, रोजगार के अवसर बढ़ने चाहिए। टमटम चालक राममिलन कहते हैं कि शहर की सड़काें का विकास उम्मीद के अनुरूप नहीं हुआ। यातायात व्यवस्था खराब है, जाम में फंसते रहते हैं।

मुख्य प्रतिद्वंद्वी और उनके मुख्य मुद्दे

कांग्रेस-चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी

1-शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम करेंगे।

2-18 साल में भाजपा सरकार ने विकास नहीं किया।

3-किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाना।

भाजपा-नरेंद्र सिंह कुशवाह

1-बिजली और सड़क के क्षेत्र में भाजपा सरकार ने ठोस कार्य कराए।

2-प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना, सहित लोक कल्याण की योजनाएं।

3-क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के निदान के लिए सहज उपलब्धता।

बसपा-संजीव सिंह कुशवाह

1- मेडिकल कालेज दिलाया, भिण्ड को नगर निगम, ऊमरी को नगर परिषद बनाया।

2-सड़कों का चौड़ीकरण और नव निर्माण कराया।

3-शहर के सौंदर्यीकरण के लिए कार्य किया।

Updated on:
13 Nov 2023 09:04 am
Published on:
13 Nov 2023 08:55 am
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