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बच्चों की सुरक्षा के प्रति अभिभावकों को बरतनी होंगी ये सावधानियां

ग्वालियर जिले से तीन साल में अगवा किए गए 502 नाबालिक बालक बालिका

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भिंड

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Abdul Sharif

Dec 15, 2022

बच्चों की सुरक्षा के प्रति अभिभावकों को बरतनी होंगी ये सावधानियां

बच्चों की सुरक्षा के प्रति अभिभावकों को बरतनी होंगी ये सावधानियां

ग्वालियर. 12 से 17 वर्ष तक के नाबालिग बालक और बालिकाओं को अगवा कर ले जाने के मामलों में साल दर साल इजाफा हो रहा है। सामाजिक स्तर पर यह चिंतनीय विषय बनता जा रहा है। गुजरे तीन साल में ग्वालियर जिले से 502 नाबालिग बच्चे अगवा किए गए हैं। औसतन हर दूसरे दिन एक नाबालिग अगवा हो रहा है।
ग्वालियर जिले के विभिन्न थानों में दर्ज धारा 363 के मामलों के अनुसार वर्ष 2020 में 134 बच्चे बहला फुसलाकर अगवा किए गए। जबकि वर्ष 2021 में 175 बच्चे अगवा कर लिए गए। वर्ष 2020 में बच्चों को अगवा कर ले जाने के 193 मामले दर्ज किए गए हैं। लगातार बढ़ रहे बच्चों के अपहरण के केस आमजन के लिए चिंतनीय विषय बनते जा रहे हैं।
- अगवा हुए बच्चों में 15 से 17 वर्ष की छात्राओं की संख्या सर्वाधिक
बतादें कि तीन साल में अगवा हुए 502 बच्चों में 15 से 17 वर्ष की छात्राओं की संख्या 392 है। शेष 110 मामलों में 06 वर्ष से 17 वर्ष तक के छात्र अगवा हुए हैं। बच्चों को जागरुक करने के लिए वैसे तो कई सामाजिक संगठन एवं पुलिस स्तर पर भी जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन अभिभावक स्तर पर बच्चों को इस संदर्भ में कम सचेत किया जा रहा है। नौकरी-व्यवसाय तथा अन्य सामाजिक कार्यों में व्यवस्तताओं के चलते माता-पिता बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं। घर में बच्चों को अजनबी व्यक्ति से नजदीकी नहीं बनाने की सीख मिलना बेहद आवश्यक है।
- कैसे सुरक्षित हों बच्चे
बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों को संजीदा होने की जरूरत है। बच्चों के स्कूल या अन्यत्र स्थान पर लाने और ले जाने का काम घर सदस्य को सौंपा जाए। बच्चे यदि अपरिचित व्यक्ति से मिले हैं तो उक्त व्यक्ति कौन है, कहां रहता है और उसका सामाजिक चरित्र क्या है इसकी जानकारी लेना आवश्यक है। बच्चों का मोबाइल पर कॉल या इंटरनेट के जरिए संदिग्ध व्यक्ति से संपर्क तो नहीं हो रहा है इसके लिए समझाइश देते हुए उसकी गतिविधियों पर नजर रखना आवश्यक है।
- बच्चों को उनके लक्ष्य का अहसास कराते रहना आवश्यक
माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों को उनके लक्ष्य का हर पल अहसास कराते रहें। इससे वह अपने मकसद को पाने के लिए पढ़ाई और भविष्य की तैयारी के लिए इतने व्यस्त हो जाएंगे कि उन्हें अपरिचित लोगों से नजदीकियां बनाने का अवसर ही नहीं मिल पाएगा।
हिना खान, डीएसपी महिला थाना ग्वालियर
- बच्चों के अगवा होने तथा मानव तस्करी की खबरों से बच्चों को कराएं अवगत
नाबालिग छात्र, छात्राओं को अगवा करने तथा बच्चों की तस्करी आदि के समाचारों से अपने बेटे-बेटी को अवगत कराते रहना चाहिए। ऐसे में बच्चे खुद व खुद सतर्क होंगे। बच्चों से दोस्त सा व्यवहार करने की जरूरत है ताकि वह कोई भी बात आप से सहजता पूर्वक साझा कर सकें। माता-पिता की बच्चों से दूरियां भी अक्सर नुकसानदाय साबित हो जाती हैं। बेटे और बेटी को डायल 100, 1098 चाइल्डलाइन केयर के टोल फ्री नंबर के अलावा घर के मुख्य सदस्यों के मोबाइल नंबर याद कराकर रखना चाहिए। स्कूल, खेल मैदान या रिश्तेदारी में किसी भी प्रकार का अटपटा व्यवहार होने पर बच्चे उस घटना को माता-पिता से साझा करें इस बारे में समय-समय पर बच्चों को जागरुक करते रहने की जरूरत है।
शिवभान सिंह राठौर, चाइल्डलाइन संचालक
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