
Bribe Case :मध्य प्रदेश सरकार की तमाम सख्ती और लोकायुक्त टीम की लगातार कार्रवाई के बावजूद मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला सूबे के भिंड जिले की अटेर तहसील से सामने आया है। यहां ग्राम पंचायत रमा के मजरा बरकापुरा में छह बिस्वा कृषि भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए पटवारी आदित्य सिंह कुशवाह को लोकायुक्त पुलिस टीम ने 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।
डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर और थाना प्रभारी कवींद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में आई टीम ने पटवारी को फरियादी सर्वेश यादव के घर के दरवाजे पर ही 8 हजार रुपए नकद लेते हुए पकड़ा है। फरियादी 2 हजार रुपए मंगलवार को दे चुका था। टीम में शामिल निरीक्षक बृजमोहन सिंह नरवरिया ने बताया कि फरियादी की छह बिस्वा जमीन का पारवारिक विवाद चल रहा था, पांच हिस्सेदार थे। तहसीलदार ने कम समय में ही आवेदन समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कर विरोधी के पक्ष में कब्जे का आदेश पारित कर दिया, जबकि भूमि का सीमांकन नहीं कराया।
इस पर सर्वेश यादव ने कलेक्टर न्यायालय में अपील की। कलेक्टर ने कब्जे की कार्रवाई को रोकने के आदेश दिए। लेकिन पटवारी ने कहा कि उसके लिए तो तहसीलदार का आदेश ही सर्वोपरि है। इसलिए अमल तो तहसीलदार के आदेश पर ही होगा, लेकिन अगर 10 हजार रुपए दो तो अमल रोक दिया जाएगा। इसके बाद सर्वेश ने लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया, पुलिस ने वॉयस रिकॉर्डर देकर रिश्वत मांगने की बात प्रमाणित करने का तरीका बताया। पुष्टि होने पर लोकायुक्त पुलिस ने प्लान तय कर रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा।
Updated on:
16 Oct 2024 04:14 pm
Published on:
16 Oct 2024 04:12 pm
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