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भोपाल. फ्लैट भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन और मक्का पर दी जाने वाली राशि के लिए मंडियों में संसाधनों की कमी के चलते एंट्रिया दर्ज नहीं हो पा रही है, जबकि योजना को समाप्त होने में मात्र 11 दिन शेष रह गये हैं। यदि फसल बेचने वाले किसानों की एंट्री पोर्टल पर नहीं होगी तो उन्हें भुगतान नहीं हो सकेगा। ऐसी स्थिति में मंडी बोर्ड प्रशासन ने प्रदेश की सभी मंडियों के मंडी सचिवों से कहा है कि वे आखिरी तारीख आने तक सभी किसानों की एंट्री पोर्टल पर दर्ज कर दें, जिससे किसानों का पैसा उनके खाते में पहुंच सकें। इसके लिए कलेक्टरों को भी पत्र लिखा जा रहा है।
दरअसल प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने किसानों को सोयाबीन एवं मक्का पर फ्लैट भावांतर भुगतान योजना के तहत 500 रुपए क्विंटल देने की घोषणा की थी। योजना की आखिरी तारीख 19 जनवरी 2019 निर्धारित है। इस तारीख तक मक्का और सोयाबीन बेचने वाले किसानों की पोर्टल पर जानकारी भरना जरूरी है। बताया जाता है कि मंडियों में संसाधनों की कमी से बड़ी संख्या में किसान और उनके द्वारा विक्रय की गई उपज की जानकारी नहीं भरी जा सकी है।
यह आ रही समस्या
पोर्टल पर कृषि उपज और किसानों की जानकारी मंडियों में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर करते हैं। मंडियों में नेट, सर्वर, प्रशिक्षित अमले की कमी जैसी समस्या बनी हुई है। पहले इन ऑपरेटरों का मेहनताना राज्य सरकार की तरफ से दिया जाता था। अब संबंधित मंडियों से इन्हें भुगतान हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि कई मंडियों में धन संकट भी बना हुआ है।
मंडी सचिवों से कहा है कि वे 20 जनवरी तक पोर्टल पर जानकारी कम्पलीट कर लें। इसके बाद जानकारी आने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फैज अहमद किदवई, प्रबंध संचालक, मंडी बोर्ड
Published on:
10 Jan 2019 09:24 am
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