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बैंक की नौकरी छोड़ बच्चों को सीखा रहे आर्ट एंड क्रॉफ्ट, 74 बार कर चुके हैं रक्तदान

जनसेवा का ऐसा जुनून कम ही लोगों में देखने को मिलता है, जो अरुण फडणीस में है। अरुण ने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए 74 बार रक्तदान किया। अब डॉक्टर्स उन्हें रक्तदान करने से मना कर चुके हैं।

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Nitesh Tiwari

Oct 22, 2016

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भोपाल। जनसेवा का ऐसा जुनून कम ही लोगों में देखने को मिलता है, जो अरुण फडणीस में है। अरुण ने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए 74 बार रक्तदान किया। अब डॉक्टर्स उन्हें रक्तदान करने से मना कर चुके हैं। किसी के यहां अनहोनी या किसी की मृत्यु हो जाए तो वे यथासंभव तत्काल पहुंचकर मदद करते हैं। जरूरतमंद बच्चों को आर्ट एंड क्रॉफ्ट की नि:शुल्क ट्रेनिंग देना भी उनका पुराना शगल है। अरुण को उनके कार्यों के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस जीवन गौरव पुरस्कार से नवाज चुके हैं।


इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व राज्यपाल भाई महावीर, ननि अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान, महाराष्ट्र मंडल, साहित्य संघ, दत्त मंदिर आदि ने भी सम्मानित किया है। शाहपुरा सी सेक्टर निवासी अरुण सरकारी मुलाजिम थे। उन्हें लगा कि नौकरी क्रॉफ्ट और समाजसेवा में आड़े आ रही है तो त्यागपत्र दे दिया था



मदद में भी आगे
किसी के यहां मृत्यु होती है तो अरुण वहां जरूर पहुंचते हैं। जरूरत के अनुसार पंडित, वाहन, सामान आदि जुटाते हैं। यदि आर्थिक मदद की आवश्यकता हो तो वह भी करते हैं। उन्होंने बताया कि वे करीब चार हजार क्रीमेशन में शामिल हुए हैं, जहां लोगों का दर्द बांटा है।


रक्तदान और शिक्षादान
अरुण ने वर्षों तक रक्तदान किया है। 74 बार रक्तदान कर चुके हैं। अब चिकित्सकों ने उन्हें रक्तदान से मना कर दिया है। 250 से अधिक लोगों के लिए खून का बंदोस्त किया है। आज भी सुबह-शाम गरीब व इच्छुक बच्चों को गणित की नि:शुल्क ट्यूशन देते हैं। गत्ते और कागज से रंगोली बनाना सिखाते हैं।


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