
भोपाल/ तंगहाली के बावजूद नगर नगम अपने कर्मचारियों को यूनिफार्म पहनाने की कवायद कर रहा है। इसके लिए उसने 44 लाख रुपए का बजट तय किया। जल्द ही एजेंसी तय करके यूनिफार्म दे दी जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ये किया जा रहा है।
नगर निगम के करीब 6000 कर्मचारियों को इसमें यूनिफार्म मिलेगी। औसतन सवा सात सौ रुपए खर्च होंगे। गौरतलब है कि इससे पहले भी निगम ने अपने अतिक्रमण दल के कर्मचारियों खाकी वर्दी दी थी। निगम के अफसरों का तर्क है कि यूनिफार्म से स्वच्छता कर्मचारियों में काम के प्रति अनुशासन की भावना बढ़ेगी। हालांकि कई का कहना है कि तंगहाली में करीब आधा करोड़ रुपए सिर्फ यूनिफार्म पर खर्च देना ठीक नहीं है।
गौरतलब है कि नगर निगम में इस समय साढ़े सात हजार के करीब कर्मचारी है। इसमें से छह हजार के लगभग स्वच्छता से जुड़े कर्मचारी है। निगम में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या और उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े होते आए हैं। बताया जा रहा है कि वास्तविकता में काम करने वालों की संख्या चार हजार से भी कम है।
2000 कर्मचारियों का रिकॉर्ड वास्तविक नहीं हैं और निगम के खजाने में चपत का ये बड़ा साधन बने हुए है। नगर निगम में फिलहाल राजस्व का प्रभार संभाल रहे अपर आयुक्त कमल सोलंकी का कहना है कि फिजूलखर्ची रोकने और आय बढ़ाने की कोशिशें की जा रही है। राजस्व शाखा के कर्मचारी अपने स्तर राजस्व घाटे को खत्म करने में लगे हुए हैंं। जो जरूरी है वही काम किया जा रहा है।
वाहन, ड्रेस समेत कई मामलों फिजूलखर्ची
नगर निगम तंगहाली में हैं, लेकिन खर्चे कम नहंी कर रहा। अफसरों के खर्चों में कोई कटौती नहीं है। प्रतिमाह एक करोड़ रुपए का डीजल पेट्रोल खपत किया जा रहा है। इसके साथ ही किराए से अफसरों के लिए बड़े व महंगे किराए दर में वाहन लिए जा रहे हैं, इसमें भी कोई कमी नहीं है। स्थिति ये हैं कि खर्च कम नहीं हो रहे और आय बढ़ नहीं पा रही। इससे दिक्कत बढ़ रही है।
Published on:
13 Dec 2019 11:35 am
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