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लोकायुक्त में 90% शिकायतें… राज्य सेवा के 18 अधिकारी ट्रैप, हुई कार्रवाई

MP News: सरकार ने बताया कि लोकायुक्त द्वारा बीते पांच साल में किसी आईएएस अफसर के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि राज्य सेवा के 18 अधिकारियों के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई की गई है।

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Lokayukta 18 state service officers trapped

लोकायुक्त में 90% शिकायतें

MP News: भ्रष्टाचारियों के खिलाफ शिकंजा कसने वाली मध्यप्रदेश सरकार की एजेंसी लोकायुक्त में 90 प्रतिशत से ज्यादा शिकायतें जांच के पहले ही दम तोड़ देती है। साल 2018 से 2025 के बीच लोकायुक्त में कुल 35434 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिसमें सिर्फ 3419 में जांच शुरू की गई है। बाकी 31 हजार से ज्यादा प्रकरणों को नस्तीबद्ध कर दिया गया। यानी कि लोकायुक्त द्वारा उन शिकायतों में जांच करने के लिए कोई ठोस तथ्य नहीं मिला इसलिए जांच शुरू करने से पहले ही उन्हें क्लोज कर दिया गया। यह आंकड़ा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रताप सिंह ग्रेवाल के सवाल पर सरकार द्वारा दिए गए लिखित जवाब में सामने आया है।

पद के दुरुपयोग के मामले 59 फीसदी हो रहे कम दर्ज

लोकायुक्त की कार्रवाई की बात करें तो जहां ट्रैप के मामलों में साल 2024 के मुकाबले 2025 में 8.89 प्रतिशत ज्यादा कार्रवाई हुई है। साल 2024 में ट्रैप की कुल 196 कार्रवाई तो इस साल 30 जून तक 112 कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं अनुपातहीन संपत्ति की कार्रवाई के मामले में लोकायुक्त का ग्राफ 16.67 प्रतिशत गिरा है। 2024 में 15 तो इस साल के 6 माह बीत जाने के बाद भी सिर्फ 5 मामले दर्ज किए गए है। वहीं पद के दुरूपयोग के मामलों की कार्रवाई में सबसे ज्यादा 59.36 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। साल 2024 में 237 और 2025 में 129 प्रकरण दर्ज किए गए है।

पांच साल में राज्य सेवा के 18 अधिकारी ट्रैप

कांग्रेस के विधायक महेश परमार ने विधानसभा में लोकायुक्त में अधिकारियों के खिलाफ की गई ट्रैप की कार्रवाई से जुड़ा एक प्रश्न लगाया। जवाब में सरकार ने बताया कि लोकायुक्त द्वारा बीते पांच साल में किसी आईएएस अफसर के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि राज्य सेवा के 18 अधिकारियों के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई की गई है। वहीं ईओडब्ल्यू द्वारा बीते पांच साल में 472 प्रकरण दर्ज किए गए। जिसमें 82 का निराकरण और 383 अपराध शेष है।

पूर्व मंत्री भूपेंद्र और सीएस इकबाल सिंह पर साधा निशाना

उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने एक बार फिर सदन में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह पर निशाना साधा। सदन में घटते भूजल स्तर और जल संवर्धन पर चर्चा के दौरान कटारे ने कहा, भोपाल के सेवनिया में सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट में बिना परमिशन काम चल रहा है। आरोप लगाए कि तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह ने इसको फर्जी परमिशन दी थी। उसमें उनके भी दो प्लॉट हैं। कटारे ने इस प्रोजेक्ट में पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस की अहम भूमिका बताई। कहा, वहां एनजीटी के नियमों को ताक पर रखा गया है। इसमें इकबाल सिंह का करीबी बिल्डर राजेश शर्मा ज्वाइंट वेंचर में है। इसी के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने मुकदमा दर्ज किया है।

कैलाश बोले- कटारे अनगाइडेड मिसाइल

हेमंत कटारे जैसे ही जल संवर्धन के दौरान भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों पर बात करने लगे। वैसे ही वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कटारे मेरे भतीजे हैं। और वह सदन में बहुत तैयारी के साथ भी आते हैं, लेकिन वह अनगाइडेड मिसाइल हैं।