
भोपाल.मध्यप्रदेश में मिलावटी दूध ( Adulterated milk ) का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसकी कोई गारंटी नहीं कि आप जो दूध पी रहे हैं, वो असली है। क्योंकि प्रदेश की एक तिहाई आबादी मिलावटी दूध की जद में है। एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 68 फीसदी दूध में मिलावट हो रहा है। पिछले एक सप्ताह से ताबड़तोड़ प्रदेश के कई इलाकों में प्रशासन की कार्रवाई जारी है। इसका खुलासा भिंडा-मुरैना में चल रहे नकली फैक्ट्री पर छापे के बाद हुआ है।
मिलावटी दूध का कारोबार मध्यप्रदेश में इतना फैल गया है कि सीएम कमलनाथ अब खुद ही इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही दूध में मिलावट करने वाले लोगों पर रासुका लगाने की तैयारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में दूध के उत्पादन और खपत में पचास फीसदी तक का अंतर है। ऐसे में यह सवाल है कि आखिरी बाकी के पचास फीसदी दूध कहां से आती है।
कैसे तैयार कर रहे नकली दूध
वहीं, मध्यप्रदेश में मिलावटी दूध के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है, उसमें आधा दर्जन से ज्यादा जिलों से दूध के सैंपल लिए गए। सैंपलों में डिटरजेंट और यूरिया जैसे खतरनाक रसायन पाए गए हैं। आमतौर पर नकली दूध तैयार करने लिए मिलवाटखोर पहले कुछ हिस्सा असली दूध का लेते हैं। फिर उसमें कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड आयल मिलकर आग में डाला जाता है। दूध में मलाई आ जाए इसके लिए आरारोट डाला जाता है। वहीं, दूध को सफेद करने के लिए सफेद स्याही डाला जाता है।
किडनी और लीवर खराब कर देगा यह दूध
अगर आप मिलावटी दूध पी रहे हैं तो इसका असर तुरंत नहीं होता है। दूध में कीटनाशक या केमिकल्स की मिलावट है या पैकेजिंग में गड़बड़ है तो इसका पूरे शरीर पर लंबे समय के लिए बुरा प्रभाव पड़ता है। इस तरह के मिलावटी दूध आप लगातार पीते रहते हैं तो आंत, लिवर या किडनी डैमेज जैसी खतरनाक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। वहीं, अगर अगर दस साल तक लगातार सेवन करते हैं तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने की आशंका भी रहती है।
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ऐसे पहचानें नकली दूध
जरूरी नही हैं कि नकली दूध की पहचान के लिए लैब जाएं। आप घर बैठे कुछ आसान तरीकों से भी नकली दूध की पहचान कर सकते हैं। आइए हम आपको कुछ घरेलु उपाय बताते हैं, जिसके जरिए नकली दूध की पहचान कर सकते हैं।
1. असली दूध की पहचान यह है कि उसे दोनों हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती। अगर आप नकली दूध को अपने दोनों हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी।
2. वहीं, असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा लगता है।
3. इसके साथ असली दूध को उबालने पर रंग नहीं बदलता है। जब आप नकली दूध को उबालेंगे तो उसका रंग पीला जाता है।
4. असली दूध को आप जब स्टोर करेंगे तो उसके रंग में बदलाव नहीं होता है। जबकि नकली दूध कुछ देर बाद पीला होने लगता है। साथ ही दूध में पानी के मिलावट की पहचान के लिए दूध को एक काली सतह पर छोड़ें। अगर दूध के पीछे एक सफेद लकीर छूटे तो दूध असली है।
5. इसके साथ ही सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए उसे सूंघें। अगर साबुन जैसे गंध आ रही है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती।
6. दूध में पानी की मिलावट की जांच करने के लिए किसी चिकनी लकड़ी और पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाकर देखें। अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार सा निशान बन जाए तो दूध शुद्ध है।
Published on:
27 Jul 2019 02:18 pm
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