
एमपी में जल्द मिलेंगे किफायती आवास (Photo Source- Patrika)
Affordable Housing :मध्य प्रदेश में जल्द ही बड़ी संख्या में एफॉर्डेबल हाउस मिलने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि, नगरीय विकास विभाग अब विकास अनुमति प्राप्त निजी कॉलोनियों में ईडब्ल्यूएस, एलआइजी वर्ग के लिए आरक्षित भूखंड और आवासों को भी निकायों के साथ जोड़ने जा रहा है। इसके साथ नई कॉलोनियों की अनुमति के साथ ये भी शर्त जोड़ने पर विचार चल रहा है कि, वे ईडब्ल्यूएस के लिए जो आवास बनाएंगे वे पीएम आवास के मानकों के अनुसार हों। उन्हें भी पीएम आवास योजना के एएचपी घटक में शामिल किया जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों के साथ हाल ही में क्रेडाई की बैठक हुई थी। उसमें एफॉर्डेबल हाउसिंग का मुद्दा उठने पर इन बिंदुओं पर सहमति बन गई है। विभाग क्रेडाई की मदद से प्राइवेट कॉलोनाइजर द्वारा विकसित कॉलोनियों में उपलब्ध ईडब्ल्यूएस और एलआइजी आवासों का सर्वे कर डेटा जुटाएगा। निजी कॉलोनाइजर के डेटा को संबंधित नगरीय निकायों के पास भेजकर आवास आवंटन में इसे शामिल किया जाएगा। इसके बाद निकायों के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। इस व्यवस्था से प्रदेश में 2 लाख से अधिक आवास उपलब्ध होने का अनुमान लगाया गया है। इनमें से आधे बने हुए मकान हैं, इसलिए सीधा आवंटन किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि, अभी मध्य प्रदेश में एफॉर्डेबल हाउसिंग की सबसे ज्यादा मांग है। क्योंकि, हर व्यक्ति महंगे आवास नहीं खरीद सकता। जबकि, मांग के अनुसार ये उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
निजी कॉलोनाइजर के ईडब्ल्यूएस प्लॉट और आवासों को पीएम आवास योजना से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है। विचार चल रहा है कि नई विकसित होने वाली कॉलोनियों में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आरक्षित भूखंड और निर्मित आवास का आकार प्रधानमंत्री आवास योजना के मानकों के अनुसार रखा जाए। इसे पीएम आवास योजना के एएचपी यानी एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप घटक से जोड़ा जा सकेगा। सरकारी या निजी कंपनियों के सहयोग से सस्ते आवासों का निर्माण करने का प्रावधान किया गया है। अभी पीएम आवास में मकान का न्यूनतम आकार 25 वर्गमीटर (करीब 270 वर्ग फुट) होता है। खाना पकाने के लिए एक अलग जगह भी शामिल है। पहले यह आकार 20 वर्गमीटर था।
एफॉर्डेबल हाउसिंग की मांग का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पीएम आवास 2.0 शहरी के लिए 50 हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं, जबकि अभी इसका पंजीयन चल रहा है। धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हुआ। इससे पहले मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी-1.0 में लगभग 8 लाख 50 हजार आवासों का निर्माण किया जा चुका है। इस पर 22 हजार 975 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। हालांकि कई स्थानों पर अभी भी यह आवासीय प्रोजेक्ट पूरे नहीं होने के कारण हितग्राहियों को आवास नहीं मिल पाए हैं।
Published on:
25 Nov 2025 08:43 am
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