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एम्स में होगी हवा से फैलने वाले खतरनाक वायरस की जांच

locationभोपालPublished: Mar 25, 2019 09:22:10 am

देश के सभी एम्स में पहली बायो सेफ्टी लेवल 3 (बीएसएल) का शुभारंभदेश में एक दर्जन से भी कम है इस लेवल की लैब

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AIIMS

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब हवा के जरिए फैलने वाले बेहद खतरनाक वाइरस और बैक्टीरिया की जांच भी हो सकेगी। इसके लिए रविवार को बायोसेफ्टी लेवल 3 लैब का शुभारंभ किया गया ।करीब पांच करोड़ की लागत से बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल) लैब में यलो फ ीवर, स्वाइन फ्लू समेत हवा के जरिए फैलने वाले वाइरस, बैक्टीरिया के साथ एचआईवी, जीका और सभी तरह के इंफ्लूएंजा की जांच हो सकेगी। यहां जांच नमूने के लिए भी ऑटोमेटिक व्यवस्था होगी।
विश्व टीबी दिवस पर आयोजित एक कार्यशाला के दौरान इस लैब का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ.़ बलराम भार्गव भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि देश में इस तरह की एक दर्जन से भी कम लैब हैं। यही नहीं देश के सभी एम्स में यह पहली लैब है।
सैंपल कलेक्शन की प्रक्रिया ऑटोमेटिक
बीएसएल-3 लैब लोहे के बंकरनुमा आकृति की होगी। इस लैब में जैसे ही कोई डॉक्टर प्रवेश करेगा, उसका पूरा शरीर स्ट्रेलाइज हो जाएगा। ताकि, बाहर का कोई भी वाइरस, बैक्टीरिया इत्यादि लैब में न जा सके। सैंपल कलेक्शन की प्रक्रिया ऑटोमेटिक होती है। टेस्ट ट्यूब में सैंपल रखने के लिए डॉक्टर को मशीन के अंदर हाथ डालना पड़ेगा। इसके बाद ऑटोमेटिक मशीन सैंपल ले लेगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित होती है। जांच के दौरान वाइरस फैलने की संभावना नगण्य रहेगी।
क्यों है जरूरत
हवा के जरिए फैलने वाले वाइरस बेहद खतरनाक होते हैं। कुछ ही समय में ये तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाने लगते हैं। कोई व्यक्ति विदेश जाता है तो वहां किसी वायरस के संपर्क में आता है और वह देश में महामारी का रूप ले लेता है। स्वाइन फ्लू के मामले में ऐसा देखने को मिला है। इसे देखते हुए देश के प्रमुख शहरों में इन वायरस की जांच के लिए अलग से लैब खोली जा रही हैं।
14 बिस्तरों का टीबी एमडीआर
इस मौके पर एम्स के निदेशक डॉ .़सरमन सिंह ने बताया कि विश्व टीबी दिवस पर एम्स में विशेष वार्ड का शुभारंभ किया गया। 14 बिस्तरों के इस वार्ड में एमडीआर टीबी के मरीजों को भर्ती किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक देश से टीबी को पूरी तरह खत्म करना है। यह प्रयास इसी को लेकर किया जा रहा है।
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