
कास्टिंग के लिए अभिनय के साथ कहानी और टेक्निकल नॉलेज होना भी जरूरी
भोपाल। बॉलीवुड के ख्यात कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबरा का कहना है कि भोपाल और मध्यप्रदेश तेजी से फिल्म इंडस्टी की पहली पसंद बनता जा रहा है। यहां के एक्टर्स बहुत टैलेंटेड हैं। मेरा मुख्य उद्देश्य नए टैलेंट का आगे बढ़ाना है। कास्टिंग छाबरा के नाम से प्रसिद्ध मुकेश शनिवार को अपनी कास्टिंग कंपनी एमसीसीसी के लॉन्च के मौके पर आए थे।उन्होंने बताया कि कास्टिंग बहुत कठिन काम है। फिल्म, टीवी शो और बेवसीरीज के लिए कास्टिंग करना अलग-अलग तरह का काम है।
इसके लिए अभिनय आने के साथ की कहानी की समझ और टेक्निकल ज्ञान का होना भी जरूरी है। मैं किसी कलाकार की ब्रीफ देखने के बाद चेहरे का आंकलन करता हूं। उसके बाद चयन करता हूं कि वह किस किरदार में फिट बैठेगा। उन्होंने कहा कि कई बार युवा कलाकार कास्टिंग के नाम पर ठगी का शिकार हो जाते हैं। कास्टिंग की कोई फीस नहीं लगती। कोई कास्टिंग डायरेक्टर यदि किसी कलाकार से पैसे मांगता है तो यह गलत है। उसका काम ही कलाकारों का चयन करना है और फिल्म निर्माता से वह इसकी फीस वसूलता है। हां, ट्रेनिंग देना अलग बात है।
हर चेहरे को एनालिस करता हूं
उन्होंने कहा कि मेरा शुरू से ही फिल्मों के प्रति रूझान था। शुरुआत में मैंने कई डायरेक्टर्स के साथ बतौरे असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया। इससे मैंने फिल्म के हर काम को जाना, उसे सीखा। मैंने जब इंडस्ट्री में कास्टिंग डायरेक्टर का काम शुरू किया तो यह बिल्कुल नई और चैलेजिंग फील्ड थी। एक कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में आपकी याद्दाश्त का तेज होना जरूरी है। आपको हर चेहरे को पढऩा आना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि किस रोल को कौन-कब बेहतर तरीके से कर सकता है। वेबसीरीज के लिए कास्टिंग करना भी अपने आप में टफ टास्क होता है। क्योंकि फिल्मों की अपेक्षा ज्यादा किरदार होते हैं। हर किरदार को खुद को एक्सप्लोर करने का मौका होता है। इसलिए कहानी को ध्यान में रखते हुए ऑडिशन के समय उनका चयन किया जाता है।
Published on:
10 Jul 2021 09:02 pm
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