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मैहर-नागदा-चाचौड़ा जिला बनाने मंजूरी, पर कोरोना ने रोकी रजिस्ट्री पर छूट,

- कैबिनेट में नए जिले बनाने सैद्धांतिक सहमति, अभी अधिसूचना जारी करके दावे-आपत्ति बुलाएंगे

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Madhya Pradesh Government Crisis Taking a big look : MP Political Crisis become big to bigger and now biggest,Madhya Pradesh Government Crisis Taking a big look : MP Political Crisis become big to bigger and now biggest,mp

jitendra chorasiya@भोपाल। सियासी घमासान के बीच कमलनाथ सरकार ने बुधवार को मैहर, नागदा और चाचौड़ा को जिला बनाने की मंजूरी दे दी। इसके बाद अब जिला गठन करने की अधिसूचना निकलेगी, जिस पर दावे-आपत्ति के बाद निर्धारण होगा। वहीं कोरोना वायरस के असर के कारण घटते राजस्व का हवाला देकर घर बैठे आनलाइन तरीके से रजिस्ट्री करने पर स्टॉम्प पर एक फीसदी की छूट देने का प्रस्ताव फिलहाल रोक दिया गया। यह प्रस्ताव अब अगले वित्तीय वर्ष में ही लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक में तीन नए जिले बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की नाराजगी दूर करने के लिए चाचौड़ा को जिला बनाया जा रहा है, जबकि भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी की मांग पूरी करने मैहर को जिला बनाना तय किया है। इसके अलावा नागदा को कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह गुर्जर की मांग के कारण जिला बनाना तय किया है। राजनीतिक समीकरण साधने के लिए तीनों जिले गठित करना तय किया है।

ये रहेगी गठन की प्रक्रिया-
- अभी तीनों जिलों के कलेक्टर ने प्रस्ताव भेजा है, लेकिन उसमें तहसीलों का बंटवारा तय नहीं किया गया है। इसलिए पहले तहसीलों को जोडकऱ नए जिलों की सीमा का प्रस्ताव तैयार होगा। फिर इस प्रारूप के साथ तीनों जिले के गठन के लिए अधिसूचना जारी होगी। इस पर 30 दिन में दावे-आपत्ति बुलाए जाएंगे। दावे-आपत्ति का निराकरण करने के बाद नए जिले गठित होने की अधिसूचना जारी होगी। राजनीतिक कारणों से यह गठन हो रहा है, इस कारण यदि सरकार बदल जाती है, तो नई सरकार आकर इस प्रस्ताव को निरस्त भी कर सकती है, जबकि मौजूदा सरकार रहती है तो इसे निरंतर किया जा सकता है।


कोरोना के कारण रोका छूट का प्रस्ताव-

कोरोना वायरस के कारण राजस्व घटने के कारण फिलहाल घर बैठकर आनलाइन रजिस्ट्री करने पर स्टॉम्प पर एक फीसदी छूट देने का प्रस्ताव रोक दिया गया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल मार्च के महीने में 35 फीसदी राजस्व की गिरावट दर्ज की गई है। इसलिए अभी स्टॉम्प पर और छूट दे दी गई, तो राजस्व और कम हो सकता है। इस कारण अपर मुख्य सचिव आइसीपी केसरी ने इस प्रस्ताव को अभी रोकने की बात कही थी, जिस पर विभागीय सहित सीएम भी सहमत हो गए। इसलिए प्रस्ताव को अब अगले वित्तीय सत्र में लाना तय किया गया है।