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दरअसल, डी ब्लॉक में ब्लॉक में सुविधाओं की कमी है, ऐसे में यहां. इम गंभीर मरीजों को रखा जाना संभव कर नहीं है। इसके बावजूद प्रबंधन ए ब्लॉक को खाली कर यहां दोबारा इमरजेंसी यूनिट और ट्रॉमा सेंटर शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
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ओटी, लेबर रूम, पावर बैकअप नहीं
डी ब्लॉक आधिकारिक रूप से जीएससी को हस्तांतरित नहीं है। इस ब्लॉक में न ऑपरेशन थिएटर है, न लेंबर रूम। अगर कोरोना से पीडित गंभीर मरीज आते हैं तो उन्हें ऑपरेशन की व्यवस्था नहीं हो पाएगी। अब तक बिजली की पर्याप्त व्यवस्था और बैकअप प्लान नहीं है। कुछ दिनों पहले ही एक महिला कर्मचारी करीब 12 घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही थी।
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दो विभाग आमने-सामने
बीते सप्ताह हुई समन्वय समिति की बैठक में सामने आया था कि ऑथोपेडिक्स और सर्जरी विभाग ने इमरजेंसी बिल्डिंग (कोविड ब्लॉक ए) को खाली करने को कहा था। इस पर मेडिसिन और एनिस्थिसिया विभाग ने आपत्ति जताई। दोनों का कहना था कि जब तक डी वार्ड में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हो जाती मरीजों को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
ये आएंगी समस्याएं
– डी ब्लॉक में ऑपरेशन और प्रसव की सुविधा नहीं
– ए ब्लॉक को सामान्य बनाकर कोविड का उपचार संभव नहीं अनलॉक के बाद संक्रमण बढ़ता है तो डी ब्लॉक में होगी समस्या
– डी ब्लॉक पूरी तरह तैयारी नहीं, कुछ मंजिलों पर तो फॉल सीलिंग तक नहीं।