
भोपाल। उज्जैन श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली है। यहां सांदीपनि आश्रम में उन्होंने महर्षि सांदीपनि से शिक्षा प्राप्त की थी। जल्द ही ये आश्रम नए स्वरूप में नजर आएगा। यहां आने वाले पर्यटक उस कालखंड का अनुभव कर सकेंगे। यहां तीन नई दीर्घाएं तैयार की जाएंगी। अगले एक साल में इसका काम पूरा हो जाएगा। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि अभी यहां श्रीकृष्ण द्वारा सीखी चौदह विद्याओं और चौंसठ कलाओं की कला दीर्घा सर्वांग को देखने देशभर के पर्यटक आते हैं। यहां उड़िया पट्टचित्र शैली में चित्र तैयार किए गए थे।
कृष्ण की लीलाओं और आख्यान को देख सकेंगे
अब यहां नाथद्वारा शैली में कृष्ण की लीलाओं और आख्यान को देख सकेंगे। संस्कृति विभाग ने सिंहस्थ के समय जब इन्हें तैयार किया था, उस समय निर्णय लिया गया था, यहां हर 5 वर्ष में देश की अलग-अलग चित्र शैलियों के जरिए अभिव्यक्त किया जाएगा। इसी के तहत दीर्घा में अब नाथद्वारा शैली में ये 8 बाय 4 साइज में 64 चित्र तैयार किए जाएंगे। वहीं, 14 विद्याओं के चित्र पूरे सभाकक्ष में अंकित किए जाएंगे। ये सभी एक साथ होंगे।
मिट्टी शिल्प में उकेरे जाएंगे गीता के उपदेश
वहीं, एक अन्य दीर्घा गीता उपदेश पर आधारित होगी। गोलाकार डिजाइन की दीर्घा में मिट्टी शिल्प में श्रीकृष्ण के उपदेशों को उकेरा जाएगा। कौरव-पांडवों की सेनाओं के बीच खड़े श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते नजर आएंगे। गीता के 75 उपदेश के साथ कलाकृतियों को उकेरा जाएगा। एक-एक उपदेश मिट्टी शिल्प फलक में बनाए जा रहे हैं। उस कालखंड में आश्रम में घास की कुटी होती थी, अब यहां 20 बाय 500 वर्गफीट की घास से कुटी तैयार की जाएगी। जो यहां आने वाले पर्यटकों को उस समय का एहसास कराएगी।
Published on:
08 Sept 2023 09:00 pm
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