न्यू मिनाल रेसीडेंसी और बरखेड़ा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा भोपाल. न्यू मिनाल रेसीडेंसी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य डॉ. निलिम्प त्रिपाठी ने कहा कि व्यक्ति अपनी चेतना का परिणाम है। जो व्यक्ति जैसा संकल्प करता है, उसी के अनुसार उसकी सिद्धि होती है। जैसे भारत मुनि ने अपने जीवन के अंत काल में हिरण की याद करते हुए प्राण त्यागे तो वे अगले जन्म में हिरण की योनि में जन्मे।
इसका अर्थ है कि व्यक्ति जो सोचता है, वही हो जाता है। इसलिए हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। अनुकूल चिंतन करना चाहिए। भावना के पवित्र होने से ही व्यक्ति पवित्र होता है। इसलिए पवित्र व्यक्ति ही सत्कर्म करता है और कीर्ति को प्राप्त करता है।
आचार्य निलिम्प त्रिपाठी जी ने रोचक कथाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को जीवन की पूर्णत: का अनुभव कराया। उन्होंने कहा कि धर्मलाभ साधन है, जिससे हम त्याग, तपस्या, दान और उपवास का यथार्थ अर्थ समझ पाते हैं। इसलिए सदैव सत्संग करते रहना चाहिए। गुरुवार को कथा सुनने रामसेवक मिश्र, बलराम तिवारी, बसंत कुमार बाजपेयी, शारदा त्रिपाठी, वर्षा तिवारी, आशा रावत, उषा पाठक, शशि राजोरिया, ममता कटारे सहित मिनाल आदि के श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
जितना विश्वास करते हैं, उतना सहयोग मिलता है
श्री राधा-कृष्ण लोक सांस्कृतिक कल्याण समिति द्वारा बरखेड़ा भेल में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक आचार्य अमरीश गोस्वामी ने कहा कि हम जितना भगवान पर विश्वास करते हैं, उतना ही भगवान से सहयोग मिलता है। हमें संसार के लोगों पर विश्वास करते हुए, भगवान पर भी विश्वास करना चाहिए। कथा में गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई।
कथा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। मुख्य यजमान डॉ. उमा- डॉ. बलराम सोनी हैं। कथा सुनने विधायक कृष्णा गौर, पार्षद नीरज सिंह, प्रकाश यादव, महेश मालवीय, कमलेश परमार,कुंजीलाल मेहरा, गंगा प्रसाद शर्मा, रामेश्वर बामने, अरविंद वैष्णव, राकेश गुप्ता, सीएल चौधरी, सुभाष यादव, सदाशिव कुल्हारे, रोहतास मीणा, छोटे राम यादव, बलराम मालवीय, संदीप तिवारी, गणेश आरसे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।