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बच्चो में तेजी से फ़ैल रही ये भयंकर बीमारी, ये है 5 बड़े संकेत, भूलकर भी न करें इग्नोर

बच्चो में तेजी से फ़ैल रही ये भयंकर बीमारी, ये है 5 बड़े संकेत, भूलकर भी न करें इग्नोर

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bimari

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भोपाल। घर में छोटे बच्चे अक्सर सिरदर्द की शिकायत करते हैं, कुछ देर के लिए होने वाले इस दर्द को अक्सर पेरेन्ट्स इग्नोर कर देते हैं। अगर आपके आसपास भी किसी बच्चे के साथ ऐसी ही समस्या है तो जरा सतर्क हो जाएं। दरअसल आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव न सिर्फ वयस्कों में बल्कि बच्चों में भी पनपता जा रहा है। अक्सर सिरदर्द को, खासतौर पर बच्चों में होने वाले सिरदर्द को हम नजरअंदाज कर अपना इलाज खुद ही शुरू कर देते है। अगर बच्चों में लगातार सिरदर्द के साथ ही धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण सामने आते है तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि यह ब्रेन ट्यूमर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।

भोपाल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. अजय सिंह चौहान से जब हमने इस बारे में बात की तो उनका कहना था कि कुछ समय पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस बारे में चौंका देने वाले खुलासे किए थे। आईएमए की रिपोर्ट में सामने आया था कि देश में हर साल करीब 40,000 से 50,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर की पहचान होती है, जिनमें से 20 प्रतिशत बच्चे होते हैं। इस बारे में सबसे डरावनी बात ये है कि पिछले साल यह आंकड़ा केवल पांच प्रतिशत ही ऊपर था। साथ ही, हर साल लगभग 2,500 भारतीय बच्चों में मेडुलोब्लास्टोमा रोग पाया जा रहा है।


ये हैं मेडुलोब्लास्टोमा के लक्षण

- सुबह उठने के दौरान सिर दर्द होना
- बार-बार उल्टी आना
- मेडुलोब्लास्टोमा को जांचने में चिकित्सक कभी जठरांत्र रोग या माइग्रेन भी मान बैठते हैं।
- मेडुलोब्लास्टोमा रोग से पीड़ित बच्चे अक्सर ठोकर खाकर गिर जाते है। उन्हें लकवा भी मार सकता है।
- कुछ मामलों में, चक्कर आना, चेहरा सुन्न होना या कमजोरी भी देखी जाती है।

क्या है मेडुलोब्लास्टोमा?

डॉ. सिंह ने बताया कि मेडुलोब्लास्टोमा बच्चों में पाया जाने वाला एक घातक ब्रेन ट्यूमर है। मस्तिष्कमेरु द्रव यानि सीएसएफ के माध्यम से फैलने वाला ये ट्यूमर दिमाग, रीढ़ की हड्डी की सतह से होता हुआ अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। इस रोग का सही समय पर पकड़ में आना जरूरी है, इसके बाद यदि उपचार प्रक्रिया का सही ढंग से पालन किया जाता है, तो इन मामलों में से लगभग 90 प्रतिशत का इलाज संभव है। लेकिन कई बार लापरवाही के चलते इस रोग की पहचान नहीं हो पाती, जिसका नतीजा मौत के रूप में सामने आता है।

आपको बता दें कि हाल ही में हुए कई अध्ययनों से पता चलता है कि मस्तिष्क ट्यूमर ल्यूकेमिया के बाद बच्चों में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। डॉ. सिंह के मुताबिक ट्यूमर यदि ब्रेन स्टेम या किसी दूसरे हिस्से में है, तो हो सकता है कि सर्जरी संभव न हो। जो लोग सर्जरी नहीं करवा सकते उन्हें विकिरण चिकित्सा या अन्य उपचार मिल सकता है।