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दूसरे राज्यों के सिम से कॉल कर पूछता था ATM और OTP नंबर, पुलिस ने किया गिरफ्तार

locationभोपालPublished: Apr 21, 2019 08:56:51 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

बेरोजगार युवक-युवतियों को ट्रेनिंग देकर चला रहा था गिरोह, एटीएम नंबर और ओटीपी पूछकर ठगी करने वाला झारखंड से पकड़ाया

BANK FRAUD

दूसरे राज्यों के सिम से कॉल कर पूछता था ATM और OTP नंबर, पुलिस ने किया गिरफ्तार

भोपाल. राज्य सायबर सेल ने झारखंड एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो बैंक अधिकारी बनकर लोगों से एटीएम नंबर और ओटीपी पूछकर बैंक खातों से ऑन लाइन शॉपिंग कर ठगी करता था। आरोपी ने देशभर में ठगी की कई वारदातों को अंजाम देकर करोडों की धोखाधड़ी की है। वह झारखंड में अपने रिश्तेदार और बेरोजगार युवक-युवतियों को ठगी की ट्रेनिंग देकर अपना गिरोह चला रहा था।

ओटीपी नंबर पूछकर ऑन लाइन ठगी के मामले दर्ज

साइबर थाना प्रभारी लोकपाल सिंह भदौरिया ने बताया कि 2015 से 2018 के बीच ओटीपी नंबर पूछकर ऑन लाइन ठगी के मामले दर्ज हुए थे। इन मामलों में झारखंड निवासी अनिल कुमार मंडल (26) की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। इस बीच झारखंड पुलिस ने आरोपी को धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। इस सूचना के बाद 15 अप्रेल को अनिल को कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर कर भोपाल लाया गया।

ठगी के लिए दूसरे राज्यों से खरीदता था सिम

टीआई भदौरिया ने बताया कि गिरोह ठगी की वारदात में इस्तेमाल होने वाले सभी नंबरों की सिम व मोबाइल दूसरे राज्यों से खरीदते थे। पुलिस की नजरों से बचने के लिए दूरदराज के इलाकों व जंगली इलाकों में अपना ठिकाना बनाते थे। आरोपी अपने गिरोह की मदद से अब तक करोड़ों की ठगी कर चुका है। ऑन लाइन ठगी के पैसों से आरोपी ने मंहगे इलेक्ट्रानिक गेजेट्स खरीद कर मार्केट से सस्ते दामों में बेच देते थे। वहीं अन्य रकम आपस में बांट लेते थे।

बिहार व झारखंड से संचालित करता था गिरोह

आरोपी अनिल कुमार मंडल गिरोह का सरगना है। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह बिहार व झारखंड के कई चुनिंदा इलाकों से गिरोह का संचालित कर रहा था। वह अपने गिरोह के सदस्यों की मदद से देशभर में

लोगों को मोबाइल पर कॉल कर खुद को बैंक अधिकारी बताकर या आधार कार्ड वेरीफिकेशन विभाग का अधिकारी बताते थे और उनके खातों की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर लेते थे। वह एटीएम कार्ड का नंबर, सीवीवी नंबर, मोबाइल पर अपने वाला ओटीपी नंबर पूछकर ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर लेते थे। इसके बाद पेटीएम या फोन-पे से ऑन लाइन शॉपिंग करते थे।

आरोपी ठग ने बताया कि वह वर्ष 2015 में ऐसे एक गिरोह का सदस्य रहा है, जो मोबाइल पर कॉल कर लोगों से उनके खातों की जानकारी हासिल कर दूसरे खातों में पैसा ट्रांसफर करता था। इसके बाद से उसने भी ज्यादा पैसा करने का मन बना लिया और खुद को गिरोह बना लिया।

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