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​हड़ताल पर निकले बैंक कर्मचारी, दो दिनों में होगा करोड़ों का नुकसान

हड़ताल पर निकले बैंक कर्मचारी, दो दिनों में होगा करोड़ों का नुकसान

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​हड़ताल पर निकले बैंक कर्मचारी, दो दिनों में होगा करोड़ों का नुकसान

भोपाल. बैंक कर्मचारियों की मांगे पूरी न होने पर बुधवार को एमपीनगर क्षेत्र में बैंक कर्मचारियों ने रैली निकाली। इस दौरान एसबीआइ, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक समेत कई बैंकों ने कर्मचारियों हड़ताल में शामिल रहे। इससे बुधवार को बैंकिंग व्यवस्था अस्त-व्यस्त रहा।

दरअसल, सरकारी क्षेत्र के 17 बैंकों को पिछली तिमाही में 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हो चुका है। ये बैंक आगे का काम चलाने के लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय मदद मांग रहे हैं। ऐसे में दो दिनों की हड़ताल से इन पर वित्तीय दबाव और बढ़ सकता है।

हड़ताल महीने के अंतिम दो दिनों (30 व 31 मई) को हो रही है, इन दो दिनों में तमाम सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। हड़ताल के चलते इसमें देरी हो सकती है। बैंक कर्मचारियों के तमाम संगठनों का शीर्ष संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) और केंद्र सरकार के बीच इस हड़ताल को टालने के लिए बुलाई गई वार्ता असफल साबित हुई है।

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पिछले पांच वर्षों से कर्मचारियों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। कर्मचारी संगठनों और भारतीय बैंकसंघ (आइबीए) के बीच इस बारे में दस दौर की बातचीत हुई लेकिन उसका खास नतीजा नहीं निकला। इनका यह भी कहना है कि आइबीए की तरफ से वेतन व भत्तों में महज दो फीसद वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था जो मंजूर नहीं है।

बैंकिंग हड़ताल के चलते ग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान का सहारा लेना पड़ा। बैंक इस बात का खास ख्याल रख रहे हैं कि डिजिटल भुगतान व्यवस्था में कोई परेशानी न हो। साथ ही यूपीआइ व अन्य भुगतान एप के जरिये भी लेनदेन में कोई परेशानी नहीं होगी। बैंकों की तरफ से एटीएम में पर्याप्त नकदी डालने की कोशिश की जा रही है ताकि लोगों को नकदी मिलने में भी कोई दिक्कत न हो।