
domestic helpers
भोपाल। नौकर घर का ऐसा सदस्य होता है जिस पर आप एक समय के बाद विश्वास करने लगते हैं। यदि नौकर ने विश्वास का दुरुपयोग किया तो आप किसी वारदात का शिकार हो सकते हैं। शहर में पिछले कुछ दिनों के दौरान सामने आए आपराधिक मामलों में घरेलू नौकरों की भूमिका सामने आई है। ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी है। राजधानी में हाल ही में हुई कई घटनाओं के पीछे घरेलू नौकर गरीबी एवं दूसरे कारणों की वजह से अपराध में शामिल हो गए और अपने ही मालिक को नुकसान पहुंचाते पाए गए।
पुलिस ने लोगों से अपील की हैं कि नौकर को घर में प्रवेश देने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन करवा लिया जाए। मकान मालिक को यह पता होना चाहिए कि संबंधित व्यक्ति कहां रहता है, कहां का रहने वाला है और वर्तमान में क्या कर रहा है। इसके साथ ये भी पता कर सकें की उसका बैक ग्राउंड कैसा है तो और भी अच्छा है। कुछ छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर आप भविष्य में होने वाली अनचाही आपराधिक घटनाओं से अपने एवं अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं।
केस- 1
सरकारी बैंक में कार्यरत बैरागढ़ निवासी महिला को जब अपनी बेटी को छोड़कर बैंक ज्वाइन करनी पड़ी तो उन्होंने परिचित की सहायता से मिली घरेलू सहायिका के भरोसे उसे छोड़ा। कुछ ही महीनों में आया ने विश्वास जीत लिया, जब बैंककर्मी ऑफिस में हाती तब आया का बेटा भी घर आता-जाता। इस बीच मौका देखकर आया के बेटे ने पांच साल की बच्ची का अपहरण कर लिया पुलिस ने कई घंटों की मशक्त के बाद बच्ची को बरामद किया, और बड़ी वारदात टल गई।
केस- 2
बीएमएचआरसी 60 वर्षीय पूर्व प्रशासनिक अधिकारी पर उनके नौकर पमपम ने कैंची और चाकू से एक दर्जन से अधिक वार करके गंभीर घायल कर दिया और घर से लाखों की नकदी, जेवरात लेकर भग खडा हुआ, इस मामले में पुलिस को नौकर को पकड़ने में कई सप्ताह लग गए, वहीं घायल मधुकर भी कई सप्ताह में ठीक हो सके।
ये लापरवाहियां पड़ रहीं भारी
- अनजान व्यक्तियों को घरेलू काम के लिए नियुक्त कर लेते हैं।
- घरेलू कर्मचारियों को पड़ोस के घर में काम करने के आधार पर काम पर रख लेते हैं।
- घरेलू सहायकों से उनका आधार कार्ड अन्य परिचय पत्र और फोटो तक नहीं मांगे जाते।
- घरेलू सहायकों को रखने के साथ सहायकों का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराया जाता।
- घरेलू सहायकों को रखने के बाद कुछ ही दिनों में उन पर अंधा विश्वास शुरू कर देते हैं।
- कर्मचारियों के सामने खुलकर घर परिवार की बातें करते हैं, जिससे उन्हें कमजोरी मालूम पड़ जाती है।
- कर्मचारियों के सामने अलमारी तिजोरी खोलकर रुपयों गहनों को निकालने से बचें।
दिनेश कौशल, एएसपी का कहना है कि लोग घरेलू सहायकों के बैकग्राउण्ड को नहीं खंगालते, जैसे बैरागढ वाले मामले में बाई का बेटा आपराधिक प्रवत्ति का था। लेकिन महिला को यह तो दूर अपनी बाई का घर तक नहीं पता था। पुलिस घरेलू सहायकों से लेकर किराएदारों का वेरीफिकेशन कराने की सलाह जारी करती है। इसके लिए अभियान चलाया गया था।
Published on:
06 Dec 2021 01:55 pm
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