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भोपाल AIIMS भी आया डेंगू के साये में- आसपास ही नहीं बल्कि एम्स के कई कमरों में भी मिला डेंगू का लार्वा

- साल का पहला मरीज जिसमें डेंगू के साथ चिकनगुनिया का भी संक्रमण मिला - एम्स में डेंगू का डंक, तीन पॉजिटिव, एक को खतरनाक डेंगू और चिकनगुनिया दोनों साथ

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भोपाल। कोरोना के मरीजों के बीच डेंगू का खतरा अब सताने लगा है। शुक्रवार को एम्स में डेंगू के तीन मरीज सामने आए। इसमें एक को चिकनगुनिया भी है। साल में यह पहला मौका है जब एक मरीज में डेंगू ओर चिकनगुनिया दोनों का संक्रमण मिला हो। यही नहीं एम्स के आसपास के क्षेत्रों में डेंगू के नौ मरीज सामने आए हैं। जिला मलेरिया कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार एम्स भोपाल के हॉस्टलों में लार्वा सर्वे कार्य किया गया था। यहां कई रूम में डेंगू का लार्वा पाया गया था। शहर में जनवरी से अब तक डेंगू के 52 मामले सामने आए हैं।

साकेत नगर सेंसिटिव जोन: राजधानी का पॉश इलाका साकेत नगर और इसके आस पास कॉलोनियां फिलहाल डेंगू सेंसिटिव जोन घोषित किए गए हैं। यहां मलेरिया कार्यालय द्वारा लगातार डेंगू लार्वा सर्वे कराया जा रहा है। ताकि लोगों को डेंगू से बचाया जा सके। शुक्रवार को साकेत नगर क्षेत्र में कुल 9 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

पहले से दी जा रही थी चेतावनी
इससे पहले जानकारों द्वारा बारिश का मौसम शुरु होने के साथ ही पूरे प्रदेश में लोगों को डेंगू चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को लेकर लगातार चेतावनी दी जा रही थी, दरअसल उनका कहना था कि बारिश के इस मौसम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में जरूरी है कि लोग अपने बचाव के लिए अभी से सावधानी बरतें। लेकिन यहां तो प्रदेश के सबसे बड़े व स्पेशल अस्पताल एम्स ही इसका शिकार हो गया।

मरीजों की संख्या में हो रहा इजाफा
दरअसल मौसम में बदलाव के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में मच्छरों से फैलने वाले रोग मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। जानकारों के अनुसार बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाने से उनमें मच्छरों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है। ये मच्छर रोगी व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाते हैं व इन संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, रोग का प्रसार होता है। इसलिए बारिश के सीजन में इन बीमारियों से बचने के लिए ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।

यहां इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मलेरिया का मच्छर रात में अधिक सक्रिय रहता है। जबकि डेंगू व चिकुनगुनिया बुखार टाईगर,एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, यह मच्छर दिन में सक्रिय रहता है। बीमारी फैलाने वाले मच्छर घरों में नमी वाले अंधेरे स्थान में विश्राम करते हैं एवं साफ व रूके पानी में पनपते हैं।

ये होते हैं लक्षण
- मलेरिया बुखार से ग्रसित रोगियों को ठंड लगकर बुखार आना, सिरदर्द, भूख न लगना, सामान्य लक्षण है।
- डेंगू बुखार में 104 फैरेनहाइट से अधिक तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत्ते, मांसपेशियों एवं जोड़ो में दर्द, आंखे घुमाने में दर्द दिक्कत आती है।
- ज्यादा दिनों पर डेंगू बुखार होने पर मुंह, नाक और आंतो से खून आना, पेट दर्द, उल्टी होना और आंखो में खून उतरना, प्लेटलेट्स में अत्यधिक गिरावट होना जैसे लक्षण होते हैं।
- चिकुनगुनया बुखार में उंगलियों और हाथ-पैर के जोड़ों में तेज दर्द, सिर दर्द, हल्का बुखार बना रहना, त्वचा में चकत्ते होना सामान्य लक्षण हैं।