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अपनी ‘आर्मी’ के साथ नर्मदा किनारे कंप्यूटर बाबा दे रहे पहरा, मंत्री बोले- वह पूजा-पाठ करें

बाबा की पहरेदारी पर मंत्री ने कहा कि अवैध खनन रोकना राज्य सरकार का काम है

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भोपाल/ मध्यप्रदेश की सियासत में कांग्रेस के लिए ही कंप्यूटर बाबा मुसीबत बनते जा रहे हैं। अवैध रेत खनन को लेकर एक तरीके से कहें तो वह खनिज मंत्री से भिड़ गए हैं। नर्मदा से अवैध रेत खनन को रोकने के लिए कंप्यूटर बाबा ने साधु-संतों की अपनी एक आर्मी तैयार की है। जिनके साथ कैंप कर वह रेत की पहरेदारी कर रहे हैं। सरकार के खनिज मंत्री तक जब बाबा की पहरेदारी के बारे में खबर पहुंची तो वे भड़क गए।

दरअसल, शनिवार को कंप्यूटर बाबा साधु-संतों की टोली लेकर सीहोर जिले के नसरुल्लागंज पहुंचे। वहां वह अपने समर्थक संतों के साथ आमाबढ़ गांव में नर्मदा नदी के किनारे टेंट लगाकर बैठ गए। बाबा ने जब से नर्मदा न्यास बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं, तभी से वह एक्शन में हैं। लगातार वह अवैध खनन को लेकर कार्रवाई करते नजर आ रहे हैं।


नदी किनारे टेंट
बाबा ने अपनी आर्मी के लिए पहले नर्मदा किनारे टेंट लगवा दिया था। वहां सैकड़ों साधु-संतों के पहुंचने से पहले बाबा टेंट में उनके लिए गद्दे लग गए थे। इस दौरान बाबा ने साधु संतों के साथ अवैध रेत उत्खनन को लेकर चर्चा भी की। उस वक्त वहां प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद थे। बाबा द्वारा की जा रही पहरेदारी की खबर जैसे ही अवैध उत्खनन करने वालों तक पहुंची उनमें खलबली मच गई।


बाबा पूजा-पाठ करें
वहीं, अवैध रेत खनन पर सवाल उठाकर एक तरह से कंप्यूटर बाबा सरकार को कठघरे में खड़े कर रहे हैं। इस पर जवाब देते हुए खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा है कि अभी तक प्रदेश में रेत खनन को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी, अब सरकार ने नीति ने बनाई है। खनिज मंत्री ने कहा कि टेंडर होने के बाद अवैध खनन पर रोक लगेगी। कंप्यूटर बाबा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वो साधु-संत हैं। बाबा का पूजा-पाठ करना है। लोगों को मार्गदर्शित करें। घाट पर टोली लेकर जाएं। लेकिन अवैध खनन पर लगाम लगाना सरकार का काम है।

असहज हो जाती है सरकार
कंप्यूटर बाबा की वजह से कभी-कभी कमलनाथ की सरकार असहज हो जाती है। कंप्यूटर बाबा ने लोकसभा चुनाव के बाद नर्मदा न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम संभाला था। बाबा ने कमान संभालते ही सरकार से हेलिकॉप्टर की मांग की थी। इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने मंत्रालय में बैठने के लिए भी जगह मांगी थी। हालांकि सरकार ने बाबा को ये सारी चीजें मुहैया नहीं करवाई। साथ ही बयानों की वजह से भी बाबा सरकार के असहज करते रहते हैं।