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ALERT : जानलेवा क्रैक्स ने लील ली एक और जिंदगी, अब आप हो जाएं सतर्क….

क्रैक्स या कॉर्न भी ले सकते हैं जान, देवास में एक और बच्ची की मौत ने बढ़ाई चिंता

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Bhopal Online

Oct 15, 2015

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(यह फोटो प्रतीकात्मक है)


भोपाल।
यदि आपका बच्चा क्रैक्स या कॉर्न, कुरकुरे जैसे पैकेज्ड फूड खाता है तो आप सतर्क हो जाएं, ये खबर आपके लिए ही है। दरअसल दो दिन पहले एक्सपायरी डेट वाला कै्रक्स खाने के बाद फूड प्वाइंजनिंग में एक साल की माही की मौत हो गई थी, जबकि उसकी बड़ी बहन 10 वर्षीय सोनी की गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।




(फाइल फोटो : अस्पताल में इलाज करा रही सोनी)


सबसे बड़ा सवाल?

इन बहनों की मौत ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। वो ये कि कहीं आपका बच्चा 'जहर' तो नहीं खा रहा। आइए हम बताते हैं कि कैसे तैयार होते हैं ये फूड और कितने नुकसानदायक हैं इनके रसायन....





स्वास्थ्य को ऐसे पहुंचाते हैं नुकसान



1.
इस तरह के जंक फूड शरीर के मेटोबोलिज्म का तनाव बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन उत्पादन धीमा हो जाता है और आगे चलकर यह डायबिटीज को पैदा करता है।

2.
यह बच्चों के पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है। ज्यादातर जंक फूड तेल में खूब सिंके रहते हैं। तेल की ये परत पेट के भीतरी अंगों पर चढ़ जाती है और अम्ल बनाने लगती हैं। इससे पाचन तंत्र प्रभावित होने लगता है।

3.
इन्हें ज्यादा मात्रा में खाने वाले बच्चों में ऊर्जा तो रहती है, पर वे भीतर से कमजोर रहते हैं, क्योंकि जंक फूड शरीर के इम्यून सिस्टम पर भी असर डालते हैं।

4.
इनमें मिले रसायन बच्चों के दिमाग की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करते हैं।


क्यों बिगड़ती है सेहत?

कई तरह के पैक्ड फूड जैसे सब्जियां और सूप में सोडियम व कार्बाेहाइड्रेड, ट्रांस फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है। बहुत सारी दिखावटी सामग्री का उपयोग होता है। फ्रेश न होने के कारण ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी होती है।


मैगी ने मचाया था हाहाकार



मैगी ने भी कुछ माह पहले ऐसा ही हाहाकार मचाया था। तब मैगी में तय मानक से अधिक स्तर पर लेड यानी सीसा की मात्रा पाई गई थी। कई राष्ट्रीय स्तर की लैब में परीक्षणों में भी लेड मिला था। जिसके बाद केंद्रीय खाद्य विभाग ने देशभर में मैगी के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के आधार पर नेस्ले इंडिया को इसके उत्पादन की इजाजत दी है। हालांकि लैब परीक्षण में पास होने के बाद ही ये बाजार में आ सकेगी।

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खाद्य पदार्थ से दूर रखें जहरीला पदार्थ

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खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी का कहना है कि जहां भी खाद्य पदार्थों की बिक्री होती है, वहां पेस्ट्रीसाइड या जहरीली वस्तुओं की बिक्री भी नहीं होना चाहिए। लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए। यदि किसी खाद्य पदार्थ में शिकायत आती है तो उसकी जांच विभाग की लेबोरेटरी में कराई जा सकती है।



खतरनाक हो सकती है यह जिद

फ्रायमंस, क्रैक्स, कुरकुरे में कलरिंग एलिमेंट्स, मैदा होते हैं। इनमें काफी दिनों तक या नमी वाले स्थान पर रखा होने से यह खराब हो जाता है। इनमें तेल की गुणवत्ता भी काफी हद तक इसे नुकसानकारी बना देती है। इससे बच्चों की पाचन क्रिया प्रभावित होती है, कांस्टीपेशन होता है, भूख नहीं लगने से वह अन्य खाद्य पदार्थ भी नहीं खा पाते हैं। बच्चा बार-बार इन्हीं को खाने की जिद करने लगता है। शरीर कमजोर पड़ जाता है। गले के इन्फेक्शन के साथ अस्थमा का भी खतरा बढ़ जाता है।

डा. पीएन अग्रवाल,
श्वास रोग विशेषज्ञ