वन विभाग के एक ड्राफ्ट को आदेश मानकर दो महीने पहले की गई करोड़ों की अवैध कटाई एवं परिवहन को सरकार ने गुपचुप वैध कर दिया। पहले वन विभाग ने बिना मंजूरी के निजी भूमि पर मौजूद 53 प्रजाति के वृक्षों को ट्रांजिट परमिट (टीपी) से मुक्त कर दिया था, जिसका फायदा वन माफिया ने उठाया, पर अब सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। इसमें फलदार वृक्षों से लेकर धार्मिक महत्व के पीपल तक का वृक्ष शामिल है।
अब प्रदेश में निजी भूमि पर स्थित 53 प्रकार के वृक्षों को काटने और परिवहन कर बेचने के लिए किसी परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। एेसा सरकार ने किसानों एवं भूमि मालिकों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया है।
पहले आठ थीं टीपी से मुक्त
सूत्र बताते हैं कि पहले सिर्फ आठ प्रजाति के वृक्षों को ही टीपी से मुक्त रखा गया था। वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था प्रत्यन इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। संस्था का दावा है कि पहले ही फर्जी आदेश से प्रदेश के वनों से करोड़ों की अवैध कटाई की जा चुकी है। इस आदेश की आड़ में वन माफिया, तस्कर और अफसर मिलकर जंगलों का सफाया कर देंगे।