
‘द्रौपदी के श्राप’ से डरे BJP मंत्री? Image Video Grab
BJP minister dinesh khatik statement meerut: उत्तर प्रदेश की राजनीति में उस समय नई बहस छिड़ गई जब मेरठ में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान भाजपा विधायक और राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने हस्तिनापुर विधानसभा को ‘श्रापित सीट’ बताते हुए यहां से तीसरी बार चुनाव न लड़ने की बात कही। उनके इस बयान का 5 मिनट 30 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
यह बयान बुधवार को मेरठ के खरखौदा क्षेत्र के पांची स्थित एमएस हेरिटेज स्कूल के 22वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में सामने आया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम मौजूद थे। उनके साथ उत्तराखंड सरकार के राज्यमंत्री श्याम सिंह सैनी और यूपी सरकार के मंत्री दिनेश खटीक भी मंच पर थे।
दिनेश खटीक ने मंच से महाभारत काल का संदर्भ देते हुए कहा कि हस्तिनापुर पर द्रौपदी का श्राप है, जिसकी वजह से यहां से कोई भी विधायक दोबारा चुनाव जीत नहीं पाया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस सीट से दो बार जीत चुके हैं, लेकिन अब किसी भी हाल में तीसरी बार यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते।
मंत्री दिनेश खटीक ने स्वीकार किया कि हस्तिनापुर के पुराने राजनीतिक मिथक को तोड़ने में उनकी व्यक्तिगत भूमिका नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रभाव निर्णायक रहा। उन्होंने कहा कि जब दशकों से कोई यहां दोबारा नहीं जीत पाया, तब उनके जैसे सामान्य कार्यकर्ता की जीत केवल मोदी और योगी के नेतृत्व की वजह से संभव हो सकी।
दिनेश खटीक ने साफ शब्दों में कहा कि दो बार विधायक बनना अपने आप में एक संयोग है, लेकिन अब मन से यह आवाज आ रही है कि तीसरी बार इस ‘श्रापित भूमि’ से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह पुराण, भागवत और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते हैं, इसलिए महाभारत के उस दृश्य को भली-भांति समझते हैं, जिससे यह मिथक जुड़ा है।
हस्तिनापुर को लेकर लंबे समय से यह धारणा रही है कि यहां से कोई भी विधायक दोबारा चुनाव नहीं जीतता। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि जिस पार्टी का विधायक यहां से जीतता है, उसी की सरकार उत्तर प्रदेश में बनती है। विपक्षी दल इस मिथक को तोड़ने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन अब तक सफल नहीं हो पाए।
दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। उन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा के टिकट पर हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा और बसपा प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की। 2022 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की और योगी सरकार में दूसरी बार राज्यमंत्री बनाए गए।
दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा और संघ से जुड़े रहे हैं। उनके पिता भी संघ के कार्यकर्ता थे। उनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। व्यवसायिक तौर पर दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट-भट्टे का काम है और वर्तमान में वह मेरठ के गंगानगर क्षेत्र में रहते हैं।
आचार्य प्रमोद कृष्णम की मौजूदगी में किए गए इस ऐलान के बाद अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या दिनेश खटीक आगामी विधानसभा चुनाव में सीट बदलेंगे या फिर सक्रिय राजनीति से दूरी बनाएंगे। उनके ‘श्रापित भूमि’ वाले बयान ने विपक्ष को भी भाजपा पर हमला करने का नया मौका दे दिया है।
Updated on:
25 Dec 2025 11:37 pm
Published on:
25 Dec 2025 11:36 pm
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