अवैध भूजल दोहन पर वसूल करें हर्जाना
सीपीसीबी द्वारा प्रिंसिपल बेंच को दी गई गाइडलाइन में भूजल की दृष्टि से ओवर एक्सप्लॉइटेड, क्रिटिकल और सेमीक्रिटिकल क्षेत्रों में जल संरक्षण फीस लगाने, बोर वेल का रजिस्ट्रेशन करने, ट्रीटेड सीवेज वाटर का उपयोग करने, फसलों और सिंचाई का पेटर्न बदलने जैसी कई सिफारिशें की थीं। इन्हें भी राज्यों को परिस्थितियों के अनुसार लागू करना चाहिए। इसके साथ अवैध रूप से भूजल दोहन और पर्यावरणीय कानूनों का पालन नहीं होने पर पर हर्जाना लगाना चाहिए।
सीपीसीबी द्वारा प्रिंसिपल बेंच को दी गई गाइडलाइन में भूजल की दृष्टि से ओवर एक्सप्लॉइटेड, क्रिटिकल और सेमीक्रिटिकल क्षेत्रों में जल संरक्षण फीस लगाने, बोर वेल का रजिस्ट्रेशन करने, ट्रीटेड सीवेज वाटर का उपयोग करने, फसलों और सिंचाई का पेटर्न बदलने जैसी कई सिफारिशें की थीं। इन्हें भी राज्यों को परिस्थितियों के अनुसार लागू करना चाहिए। इसके साथ अवैध रूप से भूजल दोहन और पर्यावरणीय कानूनों का पालन नहीं होने पर पर हर्जाना लगाना चाहिए।