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MP में नाराज युवा कांग्रेसी बोले- क्या हम पार्षद के योग्य भी नहीं, ऐसे में विधायकी का टिकट तो भूल ही जाएं

- बैठक में झलकी पीड़ा: पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष रखी बात

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भोपाल। चुनाव के बाद अब युवा कांग्रेसियों की नाराजगी सामने आने लगी है। नेताओं का कहना है कि पार्टी उनसे अपेक्षा करती है, लेकिन जब टिकट की बारी आती है तो भूल जाती है।

पार्टी ने युवा कांग्रेसियों को पार्षद के लायक भी नहीं समझा। उन्हें टिकट नहीं दिए गए, ऐसे में तो विधायक या फिर अन्य टिकट की उम्मीद कैसे की जा सकती है। रविवार को प्रदेश मुख्यालय में हुई युवा कांग्रेस की बैठक में पदाधिकारियों की यह पीड़ा सामने आई। उन्होंने पार्टी की उपेक्षा पर नाराजगी जताई।

युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने यह कहकर पदाधिकारियों को शांत करने का प्रयास किया कि वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष बात रखेंगे। चुनाव के बाद युवा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की यह पहली बैठक थी।

भूरिया ने दी सफाई
बैठक में ज्यादातर नेताओं की नाराजगी इसी बात को लेकर रही कि पात्र होने के बावजूद पार्टी ने उन्हें महापौर, पार्षद का टिकट नहीं दिया। इस पर प्रदेश अध्यक्ष भूरिया ने कहा कि उन्होंने युवा कांग्रेस का पक्ष पूरी ताकत के साथ रखा था, लेकिन युवा कांग्रेस के लोगों को टिकट नहीं दिया गया तो वे क्या कर सकते है। मैं यही कर सकता हूं कि इस्तीफा दे दूं।

इधर, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने स्पीकर को दिए पत्र में किया रियायती यात्रा सुविधा छोड़ने का ऐलान-
वही दूसरी और एक अन्य मामले में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सरकार की ओर से दी जा रही रियायती यात्रा सुविधाओं को छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को पत्र भी लिखा है।

साथ ही केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वरिष्ठ नागरिकों को पूर्व में दी जा रही सुविधाओं को बहाल किया जाए।

विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में पटवारी ने कहा कि कोरोना काल के पहले तक 58 साल से ऊपर की महिला को रेल टिकट में 50 प्रतिशत और 60 साल से ऊपर के पुरुष को 40 प्रतिशत की छूट थी। कोविड के दौरान यह सुविधा बंद कर दी गई। फिर हमेशा के लिए भी इसे बंद कर दिया।

रेलमंत्री ने इसके तर्क में नफा-नुकसान का लंबा-चौड़ा हिसाब भी बताया है। इससे समझ आ रहा है कि केंद्र सरकार रेलवे के घाटे को कम करने के लिए बुजुर्गों का नुकसान करना चाहती है। उन्होंने सवाल किया कि जनप्रतिनिधियों को रेलवे की सुविधाएं बंद क्यों नहीं की जा रहीं? इनका तो रेल मंत्री ने हिसाब नहीं बताया।