
Ajab Gajab: ये है बिना पेट्रोल से चलने वाली बाइक, अपने आप खुद को कर लेगी चार्ज...
भोपाल। आज जहां पूरे देश में पेट्रोल व डीजल को लेकर नाराजगी का माहौल बनने के सथ ही जगह जगह विरोध प्रदर्शन जारी हैं। लोगों का कहना है कि इनके बेतहाशा बढ़ते दामों ने जेबों को हल्की करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
वहीं दोपहिया वाहन चालकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ही एक युवक ने ऐसी बाइक बनाई है, जिसे न तो पेट्रोल की जरूरत है न डीजल और न ही बेटरी लगातार चार्ज कराने की... यानि कुल मिलाकर ऐसी बाइक जिसमें खर्चा न के बराबर हो।
दरअसल वाहनों पर निर्भरता के चलते इन दिनों वाहन चालक महंगा होने के बावजूद पेट्रोलियम पदार्थों को अधिक दामों में खरीदने के लिए मजबूर बने हुए हैं। ऐसे में कई लोगों के घर का बजट तक गड़बड़ा रहा है।
इसी सब को देखते हुए संत हिरदानगर निवासी 36 वर्षीय महेश्वर कुशवाह ने ऐसी बाइक बनाने का दावा किया है, जो बगैर किसी ईंधन के चलेगी। इसमें कुछ खास बातें भी हैं, जो इसके खर्च को कम करेगी।
भले ही बिना पेट्रोल की बाइक सुनने में कुछ अजीब लगे पर इस बात को साबित करने के लिए महेश्वर बताते हैं कि वह नौ साल से ऐसी बाइक बनाने की मशक्कत कर रहे थे। जिसके बाद उन्होंने एक ऐसी बैटरी चलित बाइक तैयार की है, जिसकी बैटरी भी अपने आप अल्टीनेटर से चार्ज होगी, यानि इसे कहीं बाहर से चर्ज नहीं कराना होगा।
पीएम मोदी को लिखा पत्र...
11वीं तक पढ़े महेश्वर इस अनूठी तकनीक से लैस बाइक को बनाने में 2009 से मेहनत कर रहे हैं। अपनी इस अनूठी बाइक और इसकी तकनीक से आम लोगों को रूबरू कराने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय भी मांगा है ताकि उन्हें आविष्कार से रूबरू करा सकें।
लोन लेकर मंगवाए कुछ पाट्र्स:
सपना साकार करने के लिए उन्होंने 2009 में एक बैटरी चलित बाइक खरीदी थी। इसमें कई चैंजेज करते हुए करीब नौ साल बाद इसे ऐसी बाइक में तब्दील किया है, जिसे चलाने में किसी भी तरह के ईंधन की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने इसके लिए जरूरी पाट्र्स चीन और कुछ अन्य देशों से मंगवाए। हालांकि अभी अमेरिका से कुछ पाट्र्स मंगाने बाकि है। महेश्वर ने बाइक के लिए ऑनलाइन पाट्र्स मंगवाए हैं। इसके लिए उन्होंने दो लाख रुपए का लोन भी लिया है।
अजब बाइक की गजब कहानी...
बैटरी चलित इस बाइक की क्षमता पांच सौ वॉट की है। दो व्यक्ति इस पर आसानी से सफर कर सकते हैं। इसमें लगे 100 वॉट के अल्टीनेटर से ये अपने-आप चार्ज होगी। इसकी क्षमता को तीन हजार वॉट तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बाइक को बनाने में कोशिश की है कि कम से कम कीमत पर ये बाइक तैयार हो जाए।
चाय बेचने से लेकर इ-बाइक तक का सफर :
महेश्वर इएमइ सेंटर में कैंटीन चलाते हैं। यहां चाय बनाने से बाइक बनाने तक के सफर में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। महेश्वर के मुताबिक उन्हें बचपन से ही मशीनों एवं खासतौर से बाइक की बारीकियां सीखने में रुचि थी। पर ११वीं में साइंस सब्जेक्ट नहीं मिलने से उनका आगे पढऩे का सपना साकार नहीं हो सका। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और सपने को पूरा करने में जुट गए। जैसे-तैसे रुपए जमा कर नौ साल में अनूठी बाइक तैयार की।
Published on:
04 Jun 2018 04:00 pm
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