
BJP got angry on the video of CM running away and exposed Congress- image social media
MP BJP- Congress - एमपी में विधानसभा का मानसून सत्र शुरु होने के पहले ही राजनीति गरमा गई है। विधानसभा सचिवालय द्वारा विधानसभा परिसर में धरना, प्रदर्शन और नारेबाजी आदि पर पाबंदी लगाई गई है। कांग्रेस इसे विधायकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए विधानसभा सचिवालय के आदेश का तगड़ा विरोध कर रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस फैसले को जहां सत्र से पहले ही सेंसरशिप लागू करने की कोशिश बताया वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। इधर एमपी कांग्रेस ने एक वीडियो जारी कर दिया जिसमें सीएम मोहन यादव को सवालों से बचकर भागते हुए दिखाया गया है। कांग्रेस के इस वीडियो की जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कमलनाथ से लेकर गांधी परिवार तक की कलई खोलकर रख दी।
एमपी विधानसभा के 10 जुलाई को जारी आदेश पर प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनैतिक दलों में तकरार जारी है। 28 जुलाई से शुरु होने जा रहे मानसून सत्र से पहले विधानसभा सचिवालय ने अजीबो-गरीब फरमान जारी कर दिया। नए आदेश के तहत विधायक विधानसभा परिसर में नारेबाजी व प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे।
विधायकों पर लगी इस रोक पर कांग्रेस खिलाफत पर उतर आई। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार विधायकों के मुंह पर ताला लगाने की कोशिश कर रही है। उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे कहते हैं कि संविधान की धारा 194 विधायकों को विशेष शक्तियां देती हैं। इसका इस्तेमाल कर वे जनहित से जुड़े मुद्दे सदन में उठाते हैं। सरकार से जवाब मांगते हैं। सदन में सरकार मौन धारण कर लेती है या जानकारी नहीं देती। ऐसे में विपक्ष सवाल तो करेगा। जरूरत पर प्रदर्शन भी करेगा।
कांग्रेस ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर एक वीडियो जारी कर दिया। एमपी कांग्रेस के एक्स हेंडल पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में सीएम मोहन यादव को सवालों से भागते दिखाया गया है। कांग्रेस के इस वीडियो का बीजेपी ने भी जोरदार जवाब दिया। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष ने कहा है कि सवालों से भागना हमारी आदत नहीं है लेकिन कांग्रेस को भी कई प्रश्नों का जवाब देना होगा। उन्होंने प्रदेश में कमलनाथ सरकार के 15 महीनों के शासन में किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे से लेकर
घोटालों पर गांधी परिवार तक को घेरा।
मुख्यमंत्रीजी,
सवालों को दूर रखने की कोशिश सत्ता की कमजोरी का सबूत है!
मौन थोपने से जवाबदेही न टलेगी, न घटेगी!
इसके जवाब में बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने लंबा ट्वीट किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा—
सवालों से भागना हमारी आदत नहीं, हम जवाब भी काम करके देते हैं।
कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि-
▪️काली कमलनाथ सरकार के 15 महीनों के शासन में किसानों की कर्जमाफी कहां गई?
▪️युवाओं को रोजगार क्यों नहीं मिला? उद्योगपति और निवेशक क्यों भाग गए?
▪️बिजली संकट और भ्रष्टाचार क्यों चरम पर था?
कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए-
चीन को लाखों किलोमीटर जमीन क्यों दे दी गई?
सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना के शौर्य पर सबूत क्यों मांगे गए?
डोकलाम में जब सेना चीन से दो-दो आंखें कर रही थी, तब राहुल गांधी टेंट में क्यों घुसे हुए थे?
2G, कोयला घोटाले, अगस्ता वेस्टलैंड जैसे घोटालों से देश की छवि क्यों धूमिल की गई?
देश की संपत्ति पर कब तक गांधी परिवार की बपौती समझकर कब्जा करते रहेंगे?
भाजपा सरकार ने
शिक्षा,
स्वास्थ्य,
बुनियादी ढांचे,
महिला सशक्तिकरण
रोजगार में ऐसी प्रगति की है
… जिसकी कल्पना कांग्रेस अपने खोखले वादों से भी नहीं कर सकती।
लाड़ली बहना योजना,
किसानों के लिए ऐतिहासिक राहत,
उद्योगों में बड़े निवेश,
स्कूलों-अस्पतालों का कायाकल्प,
ये सब हमारी जवाबदेही और पारदर्शिता के जीवंत उदाहरण हैं।
जनता जानती है, कौन विकास के काम करता है और कौन झूठे वादों और भ्रष्टाचार से बहकाता है।
कांग्रेस के पास सवाल पूछने का नैतिक अधिकार नहीं, क्योंकि उनका इतिहास सिर्फ नाकामी, भ्रष्टाचार और विश्वासघात की कहानी है।
Published on:
27 Jul 2025 08:29 pm
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