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कृषि कानून पर बोलीं उमा भारती, पीएम ने जो कहा उससे बहुत व्यथित हूं

अपनी ही सरकार पर सवाल उठानी वाली उमा भारती ने इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में किए 7 ट्वीट...।

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भोपाल

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Manish Geete

Nov 22, 2021

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भोपाल। पिछले कुछ समय से पार्टी लाइन से किनारे चल रही पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने एक बार फिर अपनी ही सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने पर प्रतिक्रिया दी है।

उमा भारती का कहना है कि यदि हम सब लोग किसानों से ठीक संपर्क और संवाद स्थापित कर लेते तो कानून वापसी की नौबत नहीं आती। उमा ने कहा कि हम लोग विपक्ष के दुष्प्रचार का सामना नहीं कर पाए।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कानून वापसी की घोषणा के तीन दिन बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोमवार को एक के बाद एक सात ट्वीट कर अपने विचार व्यक्त कर कहा है कि वे इस फैसले से बहुत व्यथित हैं। उन्होंने अपने सभी ट्वीट को पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखे हैं।

यह है उमा के ट्वीट
1) मैं पिछले 4 दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूँ । दिनांक 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जब तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई इसलिए 3 दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूँ।

2) माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कानूनों के वापसी करते समय जो कहा- वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया।

3) अगर कृषि क़ानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी हैं। हम क्यूँ नहीं किसानों से ठीक से सम्पर्क एवं संवाद कर सके।

4) नरेंद्र मोदीजी बहुत गहरी सोच एवं समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। जो समस्या की जड़ समझता है वह समाधान भी पूर्णतः से करता हैं।

5) भारत की जनता एवं नरेंद्र मोदी जी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व हैं।

6) कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके। इसी कारण से उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी।

7) मेरे नेता माननीय नरेंद्र मोदीजी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की। हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता युग-युग जीये, सफल रहे। यही मैं बाबा विश्वनाथ एवं माँ गंगा से प्रार्थना करती हूँ।

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