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आंखों पर पटटी बांधकर यहां खेलते हैं फुटबॉल, सात नेशनल खेल चुकी है टीम

अब इंटरनेशनल खेलने की तैयारी, घुंघरू वाली फुटबॉल से किक मारने की प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ी

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भोपाल. अभीतक आपने फुटबॉल के मैदान पर दौड़ते खिलाड़ी देखे होंगे पर क्या कभी आखों पर पट्टी बांधकर किसी को फुलबॉल खेलते देखा है। जी हां मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसी ही एक टीम है जो आखों पर पट्टी बांध कर फुटबॉल खेतली है और इस टीम ने सात बार नेशनल खेल कर चौंका दिया है। अब यह टीम इंटरनेशनल खेलने की तैयारी कर रही है।

आपने ब्लाइंड क्रिकेट तो देखी होगी। लेकिन अब भोपाल के एसओएस बालग्राम में बच्चों को ब्लाइंड फुटबॉल की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसके लिए कोच उनकी आंखों में पट्टी बांधकर ट्रेनिंग करवा रहे हैं। यहां बेसहारा और स्पेशल बच्चों की प्रतिभा को पहचान कर उसे तराशा जा रहा।

इसके लिए मप्र ब्लाइंड स्पोट्र्स फेडरेशन के तत्वावधान में ब्लाइंड फुटबॉल को मध्यप्रदेश में प्रोत्साहित करने के लिए ब्लाइंड फुटबॉल का ट्रेनिंग कैंप लगाया गया है। इसमें मध्यप्रदेश के गोल गाइड कपिल यादव खिलाडिय़ों को तकनीकी बारीकियां सिखाने के साथ ही खेल के नियम भी बता रहे हैं।

ऐसे खेलते हैं ब्लाइंड फुटबॉल
गोल गाइड कपिल यादव ने बताया कि ब्लाइंड फुटबॉल खेल में बी-1 कैटेगरी के खिलाड़ी ही खेलते हैं। जो पूरी तरह ब्लाइंड रहते हैं। जबकि क्रिकेट में तीन कैटेगरी होती है। बी-2 और बी-3 के खिलाडिय़ों को थोड़ा दिखाई देता है इसलिए ब्लाइंड फुटबॉल में उनकी आंखों में भी पट्टी बांध दी जाती है। जिससे वे पूरी तरह नहीं देख पाते। इसका गोलकीपर को पूरा दिखाई देता है। इसमें गोल गाइड विरोधी टीम के गोल पोस्ट के पीछे खड़े होकर अपनी टीम को निर्देशित करता है। इनकी फुटबॉल में घुंघरू लगे होते हैं।

तीन सालों से ब्लाइंड फुटबॉल को प्रमोट कर रहे
मप्र ब्लाइंड स्पोट्र्स फेडरेशन के सचिव मोहम्मद शाहिद ने बताया कि मध्यप्रदेश में बहुत प्रतिभावान ब्लाइंड खिलाड़ी मौजूद हैं। अगर हम उनको नियमित प्रशिक्षण एवं सही मार्गदर्शन दें तो मप्र से काफी खिलाड़ी इंडिया टीम में स्थान बना सकते हैं। वैसे भी एसओएस ने पहले भी हमें कई खेलों में अंतरराष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी दिए हैं। तीन सालों से ब्लाइंड फुटबॉल को प्रमोट कर रहे हैं। इसलिए एसओएस में ब्लाइंड फुटबॉल का कैंप लगाया है।

ग्रॉसरूट में कर रहे तैयारी
बालग्राम के डायरेक्टर धीरज कुमार ने बताया कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर इस खेल को भी अपनी पहचान मिली है। हमारी टीम हाल में तमिलनाडू में नेशनल टूर्नामेंट भी खेल चुकी है। इसके अब तक सात नेशनल हो चुके हैं। इन खिलाडिय़ों को ग्रॉसरूट लेवल पर ट्रेनिंग दी जा रही है।

इस अवसर पर बालग्राम के डायरेक्टर धीरज कुमार एब्लाइंड स्पोट्र्स फेडरेशन के सचिव मोहम्मद शाहिद असिस्टेंट डायरेक्टर बीपी मतकर बालग्राम की हेड कोच प्रतिभा श्रीवास्तव विशेष रूप से मौजूद थे कैंप के उपरांत फेडरेशन के सचिव मोहम्मद शाहिद ने बताया कि मध्य प्रदेश में बहुत प्रतिभावान ब्लाइंड खिलाड़ी मौजूद है अगर हम उनको नियमित प्रशिक्षण एवं सही मार्गदर्शन दे तो मध्य प्रदेश से काफी खिलाड़ी इंडिया टीम में स्थान बना सकते है