
NSS students discuss making TB-free India
भोपाल. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता खत्म करने की तैयारी में है। ये वो कॉलेज हैं, जो प्राचार्य व फैकल्टी की नियुक्ति और उन्हें दिए जाने वाले वेतन विश्वविद्यालय और राज्य सरकार से छिपा रहे हैं। अब विश्वविद्यालय इनकी संबद्धता खत्म करने के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग को जानकारी भेजकर इनकी मान्यता खत्म करने की सिफारिश करेगा। इस तरह के कॉलेजों की संख्या करीब 210 बताई जा रही है। इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जवाब नहीं मिलने पर संबद्धता खत्म करने की कार्रवाई शुरू होगी।
- यह है कारण
दरअसल, राज्य सरकार ने पिछली विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देने विश्वविद्यालय से कॉलेजों में नियुक्त टीचिंग फैकल्टी की जानकारी मांगी थी। इसमें फैकल्टी की क्वालिफिकेशन के साथ वेतन भुगतान के प्रमाण भी देने के लिए कहा गया था। अब तक करीब 100 कॉलेजों ने ही इसकी जानकारी विश्वविद्यालय को भेजी है। बता दें कि संबद्धता लेने के समय कॉलेज सभी जरूरी मापदंडों को पूरा करते हैं, लेकिन बाद में फैकल्टी कम करने के साथ ही उनके वेतन भी कम कर दिए जाते हैं।
- विवि व शासन की निगरानी में होता है चयन
कॉलेज खोलने के लिए शासन एनओसी और विवि यूजीसी के नियमानुसार संबद्धता देता है। तय शर्तों के अनुसार प्राचार्य और शिक्षकों का सिलेक्शन कॉलेज कोड-28 के तहत होता है। इसके लिए यूजीसी की तय अर्हता पर खरे उतरने वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाती है। इनका सिलेक्शन विवि और शासन की निगरानी में होता है।
- योग्य फैकल्टी की है कमी
उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व अतिरिक्त संचालक डॉ. राधाबल्लभ शर्मा का कहना है कि कॉलेज जानकारी इसलिए उपलब्ध नहीं करा पाते, क्योंकि यूजीसी अर्हता रखने वाले उम्मीदवार की कमी है। जिनके पास अर्हता है वे नियमानुसार वेतन मांगते हैं। ऐसे में कॉलेजों के पास फंड की कमी हो जाती है। इन्हें सरकारी अनुदान मिलना चाहिए।
शासन ने कॉलेजों में नियुक्त टीचिंग स्टाफ से जुड़ी जानकारी चाही थी। करीब 100 कॉलेज ही जानकारी उपलब्ध करा सके। जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वालों के खिलाफ संबद्धता खत्म करने की कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. एचएस त्रिपाठी, रजिस्ट्रार,बीयू
Published on:
12 Apr 2021 05:29 am
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