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केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने परिवारवाद का मुद्दा उठाया

locationभोपालPublished: Jan 07, 2018 10:47:25 am

Submitted by:

anil chaudhary

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने उठाया मुद्दा

pradesh sammelan
भोपाल. केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने न्यायपालिका में परिवारवाद का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा, जज का ही बेटा जज, यह न्यायपूर्ण व्यवस्था नहीं है। उन्होंने दावा किया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 80 फीसदी जज किसी न किसी परिवार से आते हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष कुशवाहा पार्टी के प्रदेश सम्मेलन में शिरकत करने भोपाल आए थे।
उन्होंने कहा, दलित, पिछड़ों और महिलाओं का ज्यूडिशियरी में ना के बराबर प्रतिनिधित्व है। इस बारे में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी इशारा कर चुके हैं। जब भी जज का नाम देखें तो उनकी पारिवारिक पृष्ठिभूमि सामने आ जाती है।
सामान्य वर्ग का भी व्यक्ति मेरिट से जज नहीं बन पाता है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने जज चयन की प्रक्रिया को बदलने की वकालत की। उन्होंने कहा, जिस तरह से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चयनित किए जाते हैं उसी तरह ज्यूडिशियरी में जज के चयन के लिए आयोग गठित होना चाहिए। उन्होंने कहा, न्यायपालिका से जुड़ा मुद्दा संसद में भी उठाया था तो लोगों ने सीमा याद दिलाई। लेकिन वे साफ कर देना चाहते हैं कि सरकार और राजनैतिक दल की सीमा जानते हैं।
यादव परिवार पर तंज
सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष का आव्हान करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने मुलायम सिंह यादवलालू प्रसाद यादव परिवार पर बिना नाम लिए तंज किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की बात करने वाले और लोग हैं लेकिन मौका मिलते ही वे परिवार से बाहर नहीं आए। यूपी और बिहार में इसके उदाहरण हैं।
भाजपा पर संशय, मोदी को प्रतिबद्ध बताया
सामाजिक न्याय के मामले में कुशवाहा ने प्रधानमंत्री को प्रतिबद्ध बताया और कहा कि उनके मन में दर्द है। बाकी के बारे में नहीं कह सकते। उनका इशारा भाजपा के अन्य नेताओं की ओर था। मप्र में सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वालों को एकजुट करने का आग्रह किया कि भाजपा हो या कांग्रेस दोस्त की जरुरत सभी को है।
पिछड़ा वर्ग आयोग अगले सत्र में
केंद्रीय राज्यमंत्री कुशवाहा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। लेकिन राज्यसभा में एनडीए का बहुमत नहीं होने से पारित नहीं हो पाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले सत्र में यह विधेयक पास हो जाएगा। महाराष्ट्र हिंसा पर कुशवाहा ने कहा, कुछ लोगों को इस पर मजा आता है। न्यायपालिका पर सवाल उठाए जाने पर नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अलग-अलग समय पर इस बारे में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री भी बोल चुके हैं।
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