
मंदसौर. देश में आज भी कई कानून है बदला जाना चाहिए और जो अंग्रेजो के जमाने से चले आ रहे हैं। एसे एक कानून के चलते अक्सर अपने परिजन की किसी घटना में मौत के बाद शव लेने के लिए लोगों को पूरी रात तक इंतजार करना पड़ता था एसा सिर्फ इसलिए होता था कि अंग्रेजों के जमाने के कानून के मुताबिक सूर्यास्त के बाद किसी दुर्घटना में या फिर अन्य आकस्मिकता में मौत होने पर शव का पोस्ट मार्टम नहीं किया जा सकता था। इसलिए लोगों को सुबह का इंतजार करना पड़ता था।
इस कानून को संसोधित कराने का श्रेय मध्य प्रदेश के मंदसौर विधायक को दिया जा रहा है। अब केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि अब पूरे देश के सभी अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम किया जा सकेगा। इससे पहले देश में केवल मध्यप्रदेश में ही यह नियम लागू था। अब प्रदेश के साथ साथ देश में भी 24 घंटे यानि रात के समय भी पोस्टमार्टम होगा। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म! 24 घंटे हो सकेगा पोस्टमार्टम। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि जिन अस्पतालों में रात को भी पोस्टमार्टम करने की सुविधा है वो अब सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम कर सकेंगे।
हालांकि, नए नियम के तहत हत्या, आत्महत्या, दुष्कर्म, क्षत-विक्षत शव और संदिग्ध हालात हुई मौत के मामलों को शामिल नहीं किया गया है। सरकार के इस निर्णय के बाद नई प्रक्रिया से देहदान, अंगदान और प्रतिरोपण को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि नियत समय पर पीएम होने से निर्धारित समय में अंगों को निकाला जा सकेगा। इसके साथ ही यह नियम केवल उन अस्पतालों में लागू होगा जिनमें सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम करने के लिए बुनियादी ढांचा मौजूद है। इन नियम पीछे तर्क दिया गया था कि अंग्रेजों के समय में रोशनी की व्यवस्था नहीं होती थी।
केंद्र सरकार के निर्णय के पीछे प्रदेश के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का प्रस्ताव माना जा रहा है। विधायक सिसोदिया ने 2017 में मध्यप्रदेश की विधानसभा में ध्यान इस ओर आकर्षित किया था कि पीएम को 24 घंटे किया जाना चाहिए अंग्रेजों के समय की इस व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। जब किसी व्यक्ति की दुर्घटना में या फिर अन्य आकस्मिकता में मौत हो जाती है, तो उसका सूर्यास्त के बाद पीएम नहीं हो पाता है। उस परिवार की स्थित क्या होती है जिसके सदस्य पीएम के चलते अंतिम संस्कार नहीं पा रहा। इसलिए अंग्रेजों के समय की इस व्यवस्था को बदला जाना चाहिए।
Published on:
16 Nov 2021 07:40 pm
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